अनुभव की अनदेखी से नाराज़ चौकीदार, स्थायी नियुक्ति में नहीं मिला सेवा का लाभ

रांची जिले के कई प्रखंडों में वर्षों से संविदा पर कार्य कर रहे चौकीदार अब खुद को बेरोजगारी की दहलीज पर खड़ा पा रहे हैं। हाल ही में सरकार द्वारा स्थायी बहाली की प्रक्रिया के तहत आयोजित की गई लिखित परीक्षा में इन अनुभवी कर्मियों को कोई वरीयता या आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया। परीक्षा कुल 50 अंकों की थी, जिसमें न्यूनतम 30 अंक लाना अनिवार्य था। चौकीदारों का आरोप है कि परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों का अधिकांश हिस्सा झारखंड से बाहर के विषयों पर केंद्रित था, जिससे उनके लिए उत्तीर्ण करना मुश्किल हो गया।
कई चौकीदारों ने बताया कि वे एक दशक से अधिक समय से अनुबंध पर सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उनके इस अनुभव को बहाली प्रक्रिया में पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए चौकीदारों ने सरकार से मांग की है कि उनके दीर्घकालिक सेवा अनुभव को मान्यता दी जाए और उन्हें स्थायी नियुक्ति प्रदान की जाए। इसके साथ ही, भविष्य की किसी भी बहाली में कार्य अनुभव और सेवा अवधि को भी चयन का आधार बनाया जाए। चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा है कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो वे आंदोलन करने को विवश होंगे।
