चारधाम यात्रा के लिए हेली सेवाएं बंद, अब मानसून के बाद होंगी संचालित

चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं पर लगातार संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हाल ही में गौरीकुंड में हुए हेली दुर्घटना के बाद राज्य सरकार ने सुरक्षा के मद्देनज़र हेली ऑपरेशन्स पर अस्थायी रोक लगा दी थी। 17 जून को सेवाएं बहाल की गईं, लेकिन खराब मौसम ने उड़ानों को थाम दिया। अब, आगामी मानसून सीज़न को देखते हुए 23 जून से चारधाम में हेलीकॉप्टर सेवाएं पूरी तरह स्थगित कर दी जाएंगी। इसके चलते सभी हेली सेवा कंपनियां अस्थायी रूप से लौट रही हैं और अब तक 5500 से अधिक टिकट रद्द किए जा चुके हैं।
लगातार खराब मौसम बना बाधा
15 जून को केदारनाथ के समीप गौरीकुंड में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद दो दिनों तक सेवाएं पूरी तरह बंद रहीं। सरकार द्वारा सेवाएं फिर से बहाल किए जाने के बाद भी मौसम की खराबी के कारण एक भी उड़ान संभव नहीं हो सकी। इससे कई यात्रियों को निराश होकर लौटना पड़ा, जबकि उनके टिकट पहले ही बुक थे।

बुकिंग पर रोक, सेवा 15 सितंबर से संभावित
चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा लेने की योजना बना रहे श्रद्धालुओं के लिए यह जानना जरूरी है कि फिलहाल नई बुकिंग को भी बंद कर दिया गया है। 22 जून से शुरू होने वाली ऑनलाइन बुकिंग अब रोक दी गई है। डीजीसीए ने अभी तक केदारनाथ, बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए हेली उड़ानों को हरी झंडी नहीं दी है। हर वर्ष मानसून के समय हेली सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी जाती हैं, लेकिन इस बार हादसे और मौसम की गंभीरता को देखते हुए समय से पहले यह फैसला लेना पड़ा है।
अब तक का अपडेट: यात्रियों की संख्या और नुकसान
अब तक 39,247 यात्रियों ने हेलीकॉप्टर से केदारनाथ की यात्रा की है। इस बार आठ हेली कंपनियों को संचालन की अनुमति मिली थी। यात्रा के महज 40 दिनों में हुई दुर्घटनाओं में 13 लोगों की जान जा चुकी है, जिससे न केवल यात्रियों में भय का माहौल है, बल्कि एविएशन कंपनियों को भी भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। राज्य सरकार ने स्थिति पर निगरानी रखने के लिए देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड पर एक कंट्रोल रूम स्थापित किया है, जहां अधिकारी लगातार ऑपरेशन्स की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।