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भारतीय अभियंता महासंघ (इंडेफ) ने केंद्रीय मंत्री को महत्वपूर्ण मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

 

नई दिल्ली: भारतीय अभियंताओं के महासंघ (इंडेफ) के प्रचार सचिव ई0 राकेश कुमार ने कहा कि 1983 में केवडिया, गुजरात में स्थापित, भारतीय अभियंताओं के महासंघ (इंडेफ) केंद्रीय और राज्यों के अभियंत्रण सेवा संघों के माध्यम से इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत लगभग 2 लाख अभियंताओं का प्रतिनिधित्व करता है। इंडेफ ने लगातार कई महत्वपूर्ण चुनौतियों की पहचान की है जो भारत में समय पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में रुकावट डाल रही हैं, जिनमें अपर्याप्त अनुसंधान और विकास (R&D) सुविधाएं, ओवरलैपिंग इंजीनियरिंग गतिविधियां, अप्रभावी योजना, असंगत प्रक्रियाएं, और महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग पदों पर गैर-तकनीकी व्यक्तियों की नियुक्ति शामिल हैं।

इन चुनौतियों को दूर करने और भारत को 2047 तक "विकसित भारत" बनाने के विजन में योगदान देने के लिए, इंडेफ के एक प्रतिनिधिमंडल ने  केंद्रीय मंत्री श्री सी.आर. पटेल जी और केंद्रीय मंत्री श्री  नितिन गडकरी जी, माननीय सड़क परिवहन से मुलाक़ात किया।
प्रतिनिधिमंडल ने एक ज्ञापन भी प्रस्तुत किया, जिसमें  2047 तक भारत को "विकसित भारत" में बदलने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सुझाव हैं। 
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केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकातों के अतिरिक्त, इंडेफ ने नई दिल्ली में इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (IEI) में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की। इस बैठक में AICTE द्वारा हाल ही में प्रस्तावित इंजीनियरिंग बिल, 2025 पर चर्चा की गई। इंडेफ ने इस बिल पर विस्तृत टिप्पणियां और सुझाव देने का निर्णय लिया है। बैठक में महासचिव इं. के. एम. आई. सय्यद, उपाध्यक्ष ई. अबिनाश रौल व अन्य पदाधिकारी इं. डी.पी. सिंह, इं. राजू बोबड़े, ई पंकज कुमार सांगवान, इं. बी. धनसीलन, इं. राकेश कुमार, ई. के. संगीत राव और इं. जयदीप पटेल, इं. आशीष यादव, पंकज त्यागी ( सी.डब्ल्यू.पी.ई.एस. ए.) और इं. अभिषेक (यू.पी.ई.ए.) उपस्थित थे।
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बैठक में विस्तृत चर्चा के उपरांत यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्र हित में निम्न मुद्दों पर सरकार के ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया जाय-

भारतीय अभियंत्रण सेवा (सिंचाई, बिजली, भवन और सड़कें) को केंद्र सरकार द्वारा एक अखिल भारतीय सेवा (AIS) के रूप में अधिसूचित किया जाए, जिसे पहले 1963 में संसद द्वारा संशोधन के माध्यम से All India Services Act,1951 में स्थापित किया गया था। एक राष्ट्र, एक अभियांत्रिकी सेवा नियम का कार्यान्वयन किया जाए।इंजीनियरिंग मंत्रालयों/विभागों का नेतृत्व और प्रबंधन योग्य तकनीकी विशेषज्ञों (टेक्नोक्रेट्स) द्वारा किया जाए। अभियांत्रिकी आयोग का गठन किया जाए, जैसा कि विधि आयोग का गठन किया गया है।

 देशभर में अभियांत्रिकी अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण और विकास के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान स्थापित किया जाए।
 बैठक के दौरान ई0 एम नागराज,ई0 सी.  देवनाथ और ई0 सुभाष संदसूर जैसे प्रमुख  इंजीनियरों ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव और विचार साझा किए।
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