लालू यादव को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका, ‘लैंड फॉर जॉब’ केस में FIR और चार्जशीट रद्द करने की याचिका खारिज

दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को एक बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने 'लैंड फॉर जॉब' घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर और दाखिल चार्जशीट को रद्द करने की लालू यादव की याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश जस्टिस रविंद्र डूडेजा की एकल पीठ ने दिया। गौरतलब है कि अदालत ने 29 मई को इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
क्या है मामला?
यह मामला उस दौर का है जब लालू यादव यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि रेलवे के ग्रुप-डी पदों पर नियुक्तियों के बदले में उम्मीदवारों से जमीन ली गई। बाद में ये जमीनें लालू यादव के परिजनों या करीबी लोगों के नाम पर दर्ज हो गईं। सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती समेत कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। ईडी भी मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं की जांच कर रही है।

लालू यादव की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है और उस वक्त कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि 2020 में बिना नई अनुमति लिए एफआईआर दर्ज करना कानूनन गलत और उत्पीड़न है। साथ ही, उन्होंने यह भी तर्क दिया कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 17ए के तहत जरूरी अनुमति नहीं ली गई।
वहीं, सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने कहा कि अभियोजन की पूर्व अनुमति भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 19 के तहत ली गई थी, और धारा 17ए की आवश्यकता पर मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की बड़ी पीठ में लंबित है।
कोर्ट का फैसला
कोर्ट ने यह मानते हुए कि अभियोजन को लेकर उठाए गए मुद्दे ट्रायल कोर्ट में भी उठाए जा सकते थे, याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा चार्जशीट पर संज्ञान लिया जा चुका है और उस निर्णय में बदलाव की संभावना नहीं है। कोर्ट ने न केवल लालू यादव की याचिका खारिज की, बल्कि निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया। इससे अब यह मामला ट्रायल कोर्ट में आगे बढ़ेगा।