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तेजस्वी का केंद्र पर हमला, कहा- RSS की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति/धर्म देखकर सैनिकों की छँटनी करेगा

 

बिहार में जेडीयू और आरजेडी दोनों पार्टी सेना बहाली को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है. पहले जहां जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र को लेकर सवाल उठाया था, वहीं अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला है. तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि, जातिगत जनगणना से दूर भागने वाली सरकार देश के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है.

Tejashwi Yadav invites Union minister Upendra Kushwaha to join  grand-alliance in Bihar after RLSP chief skips NDA get-together | National  News – India TV

तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "जात न पूछो साधु की लेकिन जात पूछो फौजी की संघ की बीजेपी सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है, लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है. ये जाति इसलिए पूछ रहे है क्योंकि देश का सबसे बड़ा जातिवादी संगठन आरएसएस बाद में जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा."

इतना ही नहीं तेजस्वी ने अपने इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि, आजादी के बाद 75 वर्षों तक सेना में ठेके पर “अग्निपथ” व्यवस्था लागू नहीं थी.  सेना में भर्ती होने के बाद 75% सैनिकों की छँटनी नहीं होती थी लेकिन संघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति/धर्म देखकर 75% सैनिकों की छँटनी करेगी. सेना में जब आरक्षण है ही नहीं तो जाति प्रमाणपत्र की क्या जरूरत? 


वैसे बता दें इससे पहले जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी इस पर ऐतराज जताया था. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, " माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी, सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है. संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए."

जानकारी के लिए बता दें  सेना बहाली में आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट जारी कर दी  गई है. इन दस्तावेजों में मूल निवासी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र सहित अन्य डॉक्युमेंट्स मांगे गए हैं. इसी को लेकर जेडीयू और आरजेडी दोनों पार्टी केंद्र सरकार पर हमलावर है. 

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