Bihar Visit PM Modi 2025: मोतिहारी से विकास की सौगात, चुनावी रण की शुरुआत!

Bihar: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों के नेता अपनी पूरी जी-जान लगा रहे है प्रचार-प्रसार में। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बिहार के दौर पर हैं। वहीं, PM के मोतिहारी दौरा केवल सरकारी योजनाओं की घोषणा भर नहीं, बल्कि आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों की चुनावी बिसात का पहला निर्णायक कदम माना जा रहा है। कुल ₹7196 करोड़ की परियोजनाओं के साथ मोदी एक साथ विकास, तकनीक, ट्रांसपोर्ट और "टच-ऑफ-ह्यूमैनिटी" को राजनीतिक संदेश में पिरोने वाले हैं।
मोदी है तो मुमकिन है
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 40,000 लाभार्थियों के खातों में ₹162 करोड़ सीधे ट्रांसफर होंगे। मंच से पांच परिवारों को स्वयं पीएम मोदी घर की चाभी सौंपेंगे। यह केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि “गरीब कल्याण” के नैरेटिव को जमीनी हकीकत में बदलने का प्रतीक होगा।

टेक्नोलॉजी के सहारे नई पीढ़ी को साधने की कोशिश
पटना और दरभंगा में Software Technology Parks of India (STPI) की शुरुआत प्रधानमंत्री करेंगे। यह कदम स्पष्ट रूप से उन युवा मतदाताओं के लिए है, जिनकी आकांक्षाएं अब स्टार्टअप और डिजिटल इंडिया के इर्द-गिर्द घूमती रहती है।
रेल और रोड के ज़रिये वोटों तक सीधी पहुंच
मोदी के इस दौरे में रेलवे को एक बार फिर से चुनावी इंजन बनाया गया है:
- दरभंगा-नरकटियागंज दोहरीकरण
- गोरखपुर कैंट-छपरा सिग्नलिंग अपग्रेडेशन
- भटनी-छपरा ट्रैक्शन सिस्टम का आधुनिकीकरण
इसके साथ ही पाटलिपुत्र में वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की नींव रखी जाएगी। ये सभी घोषणाएं मोदी के 'रेल राष्ट्रवाद' के ब्रांड को फिर से पुष्ट करेंगी।
कनेक्टिविटी = कनेक्शन टू वोट
बिहार की सड़कों को लेकर भी प्रधानमंत्री बड़ा दांव खेलने वाले हैं:
- ₹138 करोड़ की लागत से असनी-बामपाली चार लेन आरा बाइपास का शिलान्यास
- ₹828 करोड़ से पररिया-मोहनियां चार लेन सड़क का उद्घाटन
इन दोनों परियोजनाओं का सीधा संदेश है, "कनेक्टिविटी अब सिर्फ सड़क की नहीं, वोटरों से रिश्तों की भी है।"
महिलाओं के लिए ‘मास्टरस्ट्रोक’
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 61,500 स्वयं सहायता समूहों को ₹400 करोड़ की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की कोशिश नहीं, बल्कि मोदी सरकार के लिए एक मजबूत सामाजिक पूंजी तैयार करने की रणनीति है।
राजनीति की ज़मीन पर विकास का प्लॉट तैयार
मोदी का यह दौरा "विकास बनाम वादों" की बहस को फिर से जीवित करता है, लेकिन इस बार ज़मीन पर रखी जा रही योजनाओं और प्रत्यक्ष लाभांतरण के जरिए। मोतिहारी से उठी यह राजनीतिक शंखध्वनि साफ करती है कि बीजेपी अब बिहार की हर गली, हर ट्रेन, हर bypass को 2025 की जंग का रास्ता बना रही है।