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बिहार को बाढ़ से मिलेगी निजात, केंद्र स्तर पर बनी कमिटी, संजय झा की अहम भूमिका

 

उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ से होने वाले भयंकर नुकसान से निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने कदम उठाए हैं। केंद्रीय जल आयोग ने पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया है। यह कमिटी नेपाल में भारी बारिश के चलते उत्तर बिहार की नदियों में आने वाली बाढ़ के पानी का बेहतर प्रबंधन करने की दिशा में अपने सुझाव देगी। कमिटी गुरुवार 4 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जेडीयू के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व जल संसाधन मंत्री संजय झा ने इसकी जानकारी साझा की है। उन्होंने पिछले दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर यह मुद्दा उठाया था। इसके बाद वित्त मंत्री ने हाई लेवल बैठक बुलाई, जिसमें कमिटी का गठन किया गया।

 

राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने बुधवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि उत्तर बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान की दिशा में यह एक बड़ी पहल है। उन्होंने बताया कि बिहार के विकास और उत्तर बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से चर्चा के बाद वे बीते शुक्रवार (28 जून) को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से संसद भवन स्थित उनके कक्ष में मिले थे।

 

सीतारमण ने उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने से संबंधित उनके सुझावों को गंभीरता से सुना और उसी दिन शाम में एक और उच्चस्तरीय मीटिंग बुलाई। इस बैठक में उन्हें भी बुलाया गया। शाम की बैठक में केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की सचिव देबश्री मुखर्जी जी के अलावा वित्त, विदेश और जलशक्ति मंत्रालय के कुछ वरीय अधिकारी भी शामिल हुए।

संजय झा ने कहा कि इस अहम बैठक में उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से बेहतर जल प्रबंधन का एक विस्तृत खाका तैयार करने के मुद्दे पर चर्चा हुई। उन्होंने विस्तार से बताया कि नेपाल से आने वाली नदियों की बाढ़ उत्तर बिहार के विकास की राह में बड़ी बाधा है। साथ ही, बाढ़ से जानमाल की सुरक्षा के कार्यों, राहत एवं पुनर्वास के उपायों में बिहार सरकार को हर साल बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है। इससे राज्य का विकास प्रभावित होता है। बिहार के जल संसाधन मंत्री के रूप में काम करने के अपने अनुभवों के आधार पर झा ने इसके समाधान के लिए कई सुझाव भी दिए। 

उन्होंने वित्त मंत्री का धन्यवाद देते हुए कहा कि इस बैठक में एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने का फैसला लिया गया। यह समिति उत्तर बिहार की विभिन्न नदियों के जल के बेहतर प्रबंधन के लिए नये बराज एवं अन्य संरचनाओं के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाएगी। पांच सदस्यीय कमिटी में लोअर गंगा बेसिन ऑर्गेनाइजेशन (LGBO), पटना के मुख्य अभियंता अंबरीश नायक को चेयरमैन, गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (GFCC) के डायरेक्टर संजीव कुमार, केंद्रीय जल आयोग के तहत BCD के डायरेक्टर एस के शर्मा और जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के प्रतिनिधि को सदस्य, जबकि LGBO के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर को सदस्य सचिव बनाया गया है। इस समिति को अपनी एक प्रारंभिक रिपोर्ट गुरुवार तक सौंपनी है। 

संजय झा ने आगे कहा कि एनडीए की डबल इंजन की सरकार उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ के रूप में आने वाली आपदा को अवसर में तब्दील करेगी। हमारे उत्तर बिहार की भूमि काफी उपजाऊ है। वहां बाढ़ का दीर्घकालिक समाधान होने और अधिशेष नदी जल का सिंचाई में अधिकतम उपयोग होने पर संपूर्ण उत्तर बिहार में तेजी से विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।