Movie prime

विधायकों की खरीद-फरोख्त की जांच करेगी ED, EOU को मिले कई सबूत

 

बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरने और एनडीए की सरकार बनने के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय करेगा. अभीतक इस मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई कर रही थी, जिसे अब ईडी को सौंप दिया गया है. इस पूरे मामले में आर्थिक अपराध इकाई को अवैध धन के बड़े पैमाने पर आदान-प्रदान के सबूत मिले हैं

नयी सरकार के फ्लोर टेस्ट के समय सरकार को अव्यवस्थित करने, विधायक के अपहरण और मतदान के लिए धन का प्रलोभन देने के सबूत आर्थिक अपराध इकाई को मिले हैं. जिसके बाद ईओयू ने इस मामले की ईडी से जांच की सिफारिश की थी.अब इस पुरे मामले की जांच ईडी अपने तरीके से करेगी

मालूम हो कि,बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के फ्लोर टेस्ट के दिन जेडीयू के तीन विधायक सदन में देरी से पहुंचे थे. वहीं स्पीकर के चुनाव में जदयू के कई विधायक शामिल ही नहीं हो पाए थे. जिसके बाद महागठबंधन की ओर से जदयू विधायक को तोड़ने के लिए 10-10 करोड़ रुपये और मंत्री पद का प्रलोभन दिए जाने के साथ विधायक बीमा भारती और दिलीप राय के अपहरण की शिकायत पूर्व मंत्री व हरलाखी विधायक सुधांशु शेखर ने कोतवाली थाने में दर्ज कराई गई थी .

उधर, पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर यह मामला ईओयू को ट्रांसफर हुआ था। 12 फरवरी को कोतवाली थाने में FIR दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया था कि साजिश के तहत सरकार को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. जिसे अंजाम देने के लिए विधायकों को दस करोड़ का प्रलोभन दिया जा रहा है. जदयू विधायक  सुधांशु शेखर ने लिखित शिकायत में कहा था कि एक परिचित के माध्यम से इंजीनियर सुनील ने 9 फरवरी को उनसे बात की थी. उन्होंने महागठबंधन के साथ आने के लिए उन्हें 10 करोड़ और मंत्री पद का प्रलोभन दिया था.