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BPSC अभ्यर्थियों के बीच फंस गए शिक्षा मंत्री, पुलिस ने निकाला बाहर

 

69000 शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया. बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यार्थियों ने यहां जोरदार नारेबाजी की. अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षक भर्ती में व्यापक स्तर पर अनियमितता हुई, जिस कारण से आरक्षित वर्ग के हजारों अभ्यर्थी नौकरी पाने से वंचित हो गए. पटना में अभ्यर्थी ने जोरदार प्रदर्शन किया. शिक्षा मंत्री को अभ्यर्थियों ने घेरा लिया. जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं. शिक्षा मंत्री फंस गए. 

राजधानी पटना से बड़ी खबर आ रही है BPSC Tre 3.0 सप्लीमेंट्री रिजल्ट को लेकर आज पटना की सड़कों पर उतरे शिक्षक अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री सुनील कुमार का घेराव कर दिया। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को अभ्यर्थियों ने चारों तरफ से घेर लिया। बीच सड़क पर उनकी गाड़ी के सामने रोड पर बैठ गये और विरोध प्रदर्शन करने लगे। 

शिक्षा मंत्री की गाड़ी के सामने बैठे अभ्यर्थियों को सुरक्षा कर्मियों ने हटाने की कोशिश की लेकिन अभ्यर्थी लगातार शिक्षा मंत्री सुनील कुमार की गाड़ी को घेर लिया। जब उनकी गाड़ी को आगे बढ़ाने की कोशिश की गयी तो अभ्यर्थियों ने उनकी गाड़ी को आगे बढ़ने नहीं दिया। जिसके बाद लाउडस्पीकर के माध्यम से शिक्षा मंत्री ने अभ्यर्थियों को शांत कराने की कोशिश की। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि इस मामले को लेकर हम कल बीपीएससी को चिट्ठी लिख देंगे। हमें कोई एतराज नहीं है जो भी निर्णय बीपीएससी लेगा वो हमें मंजूर होगा। कल शाम 5 बजे के पहले चिट्ठी बीपीएससी को शिक्षा विभाग से भेज दी जाएगी।
 

इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि बीपीएसएसी से बात करेंगे

 बीपीएससी TRE-3 सप्लीमेंट्री रिजल्ट की मांग को लेकर धरने पर बैठे अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया. घेराव करने पहुंचे अभ्यर्थियों ने मांग की कि जो टीआरई-3 की परीक्षा हुई है, उसका सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी किया जाए. बिहार सरकार आंकड़ों का खेल खेल रही है और हम लोगों के भविष्य को बर्बाद कर रही है. 

उधर सदन में शिक्षा मंत्री ने साफ कर दिया कि बीपीएससी टीआरई 3 का सप्लीमेंट्री रिजल्ट नहीं होगा. जो बची हुई वैकेंसी है वो टीआरई-4 में जोड़ दी जाएगी. शिक्षा मंत्री के इस बयान पर अभ्यर्थी नाराज हैं और उन्हें उनका भविष्य अंधकार में डूबता नजर आ रहा है. यही वजह है कि बजट सत्र के दौरान छात्र अपनी मांगों पर अड़े हैं, लेकिन सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है. अब देखना ये है कि चुनावी साल में छात्रों की ये नाराजगी सरकार कैसे खत्म करेगी.