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फतेह बहादुर थमने को तैयार नहीं, बोले- सरस्वती नहीं सावित्री बाई फुले हैं शिक्षा की देवी

 

राजद विधायक फतेह बहादुर लगातार हिंदू देवी-देवताओं को लेकर विवादित बयान दे रहे हैं. अपने बयानों के लिए उन्हें विरोध भी झेलना पड़ रहा है लेकिन इसके बाद भी वो थमने को तैयार नहीं हैं. आज एक बार फिर उन्होंने देवी सरस्वती को शिक्षा की देवी मानने से इनकार किया है और सावित्री बाई फुले को शिक्षा की देवी बताया है.

दरअसल सोमवार को मकरसंक्रांति के अवसर पर राबड़ी आवास में दही-चूड़ा भोज का आयोजन हुआ. जिसमें शामिल होने के लिए विधायक फतेह बहादुर भी पहुंचे हुए थे. राबड़ी अवस से बाहर निकलते ही उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात की. उन्होंने कहा कि भोज में लोग दही-चूड़ा खाकर जा रहे हैं और शपथ ले रहे हैं कि केंद्र में जो नरेंद्र मोदी की सरकार है उसे मिटाना है और संविधान को बचाना है.

 विधायक फतेह बहादुर से पूछा गया कि वो विवादित बयान क्यों देते हैं. इसपर उन्होंने कहा कि जिस चीज को सुप्रीम कोर्ट ने काल्पनिक मान लिया है उस चीज को मामने का मतलब ही नहीं है, आपलोग सुप्रीम कोर्ट से जाकर पूछिए. शिक्षा की देवी मां सरस्वती नहीं बल्कि सावित्रीबाई फूले हैं. शिक्षा में सरस्वती की क्या भूमिका है?