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पूर्व मंत्री रामजतन सिन्हा बेटे के साथ कांग्रेस में शामिल, छात्र संघ चुनाव में लालू यादव को दी थी मात

 

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रो. रामजतन सिन्हा ने अपने बेटे अमित सिन्हा के साथ सदाकत आश्रम में विधिवत कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। रामजतन सिन्हा कुछ दिन पहले नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य नसिर हुसैन, मीडिया विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए थे। वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह इसकी चर्चा करते हैं कि रामजतन सिन्हा का राजनीतिक जीवन छात्र आंदोलन से शुरू हुआ। उन्होंने छात्र संघ चुनाव में लालू यादव को पराजित कर अपनी पहचान बनाई थी। वो बिहार सरकार में मंत्री रहे और चार बार विधायक रह चुके हैं।

रामजतन सिंहा ने 2005 में कांग्रेस छोड़ दी थी, लेकिन कुछ वर्षों के बाद ही वो फिर से कांग्रेस शामिल हुए थे। उसके बाद 2012 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। अब एक बार फिर उनकी घर वापसी हो रही है। वो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी भी बनाई थी, लेकिन फिर वो जेडीयू में चले गए। जहानाबाद के मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी चुने गए। 2005 के विधानसभा चुनाव में जब राजद का गठबंधन कांग्रेस के साथ हुआ था, तो उस समय रामजतन सिंहा मखदूमपुर से फिर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन लालू प्रसाद इस सीट को छोड़ने को तैयार नहीं हुआ। आखिरकार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड रामजतन सिन्हा चुनाव लड़ गए, लेकिन उनकी हार हो गई।

बता दें रामजतन सिंहा भूमिहार जाति से आते हैं। इसी जाति से प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह आते हैं। कुछ माह पहले कांग्रेस के एक पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कांग्रेस को छोड़ दिया था और भाजपा में चले गए थे। वो भी भूमिहार जाति से ही आते थे। माना जा रहा है कि अनिल शर्मा की भरपाई करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस अगड़ा वोट बैंक को अपनी तरफ करना चाहती है।