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तेजस्वी पर जेडीयू का हमला, प्रवक्ता राजीव रंजन बोले- झूठ बोलने को ही राजनीति मान चुके हैं

 

बिहार की राजनीति में सरकारी नौकरी बड़ा मुद्दा बन गया है। चाहे सत्ताधारी दल हों या विपक्षी, सभी अपने अपने दावे कर रहे हैं कि बिहार के लाखों बेरोजगारों को उन्होंने ही सरकारी नौकरी दी। नीतीश कुमार कहते हैं सब काम सरकार ने किया तो तेजस्वी यादव का दावा है कि 17 महीने के कार्यकाल में उन्होंने नौकरियां दिलाई। इसे लेकर जेडीयू ने तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला किया है। 

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव झूठ बोलने को ही राजनीति मान चुके हैं। ऐसे में तेजस्वी यादव सिर्फ नीतीश सरकार की नौकरियों श्रेय लेने के बजाए पूरी दुनिया में बांटी जा रही नौकरियों पर अपना दावा क्यों नहीं ठोक देते हैं। उधर जेडीयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अपनी गलतबयानी से बाज नहीं आ रहे हैं।

प्रवक्ता राजीव रंजन नें कहा कि इंटरनेट के जमाने में झूठ छिपता नहीं है। कोई भी पुरानी खबरों को देख सकता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने 2020 में ही 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देने की घोषणा कर दी थी। चुनाव बाद सरकार बनते ही इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी थी। जदयू प्रवक्ता ने आरोप भी लगाया है कि बाद में सरकार में शामिल होने के समय तेजस्वी यादव को तो उक्त नौकरियों के बारे में जानकारी तक नहीं थी। उस समय 10 लाख नौकरियों के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी यादव और उनके नेता बगले झांकने लगे।

हकीकत यही है कि जब एनडीए सरकार में तय हुई शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही थी, तब राजद के शिक्षामंत्री कार्यालय तक नहीं जाते थे। यहां तक कि बहालियों की फाइल पर उनके दस्तखत तक नहीं हैं। फिर भी तेजस्वी यादव शिक्षकों की नौकरी पर अपना दावा ठोकते हैं जो निराधार है। काम नीतीश कुमार है और क्रेडिट खुद ले रहे हैं। उन्हें तो दुनिया भर में हो रही नौकरी पर अपना दावा ठोक देना चाहिए।
 

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