'कुंभ फालतू है…', लालू यादव को JDU-BJP ने रगड़ दिया, बचाव में उतरी RJD

दिल्ली स्टेशन पर मचे भगदड़ में करीब 18 यात्रियों की मौत हुई थी. इसमें ज्यादातर कुंभ जाने वाले यात्री थे. इस घटना के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक तरफ रेलवे को दोषी ठहराया तो वहीं दूसरी ओर यह कह दिया कि कुंभ का कोई मतलब नहीं है. कुंभ फालतू है. उनके इस बयान के बाद बिहार में सियासी भूचाल आ गया है. बीजेपी-जेडीयू ने करारा हमला बोला है.
बीजेपी के प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा का कहना है कि किसी की धार्मिक अस्मिता पर चोट करने वाला लालू प्रसाद यादव का बयान घोर निंदनीय है. जो व्यक्ति अपने बाल-बच्चों के मांगलिक कार्यों में धार्मिक अनुष्ठान करवाता हो उनके मुख से इस तरह का कथन कोई भी सनातनी बर्दाश्त नहीं करेगा.

प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि करोड़ करोड़ लोग कुंभ में स्नान करके धार्मिक आस्था का परिचय दे चुके हैं इसलिए लालू यादव को अपने दिए गए बयान का औचित्य बताना चाहिए. क्या राबड़ी देवी छठ पूजा करती हैं तो गंगा स्नान नहीं करती हैं? काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन को क्या उनका परिवार नहीं जाता है? फिर लालू यादव का इस तरह का बेतुका बयान क्यों? इस बार बिहार के विधानसभा चुनाव में सनातनी इसका उन्हें मजा चखाएगा.
लालू यादव के बयान पर जेडीयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा, "लालू यादव जी 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे. उस दौरान रेलवे में 51 दुर्घटनाएं हुई थीं. 370 रेलवे क्रॉसिंग की घटनाएं हुईं. उनके पांच वर्षों के रेल मंत्री के कार्यकाल में कुल 1034 लोगों की मृत्यु हुई थी. तो अपने कार्यकाल में रेलवे में जो सुधार किया जाना चाहिए था उसको आपने नहीं किया था जिसके कारण 1034 लोगों की मृत्यु हुई? लालू जी दुर्घटनाएं दुर्भाग्य से घटित होती हैं. इस प्रकार से हिंदू सभ्यता संस्कृति और रेलवे पर सवाल खड़ा करने की जरूरत नहीं है बल्कि सहयोग करने की आवश्यकता है."
आरजेडी सुप्रीमो का बचाव करते हुए आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि लालू यादव के बोलने का मतलब यह था कि जो कुंभ में व्यवस्था की गई है वह फालतू व्यवस्था है. इसके कारण इतने लोगों की मौत हो रही है. पूरी तरह कुंभ की जो व्यवस्था है वहां लचर व्यवस्था है. कुंभ पर उनके बोलने का यही मतलब था कि बीजेपी अपने वोट बैंक को साधने के लिए लोगों की जान ले रही है.