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लालू जी शरणं गच्छामि! नीतीश और लालू की तस्वीर शेयर करते हुए आरसीपी सिंह ने पूछे ये 7 सवाल

 

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को दिल्ली पहुंचकर लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की. दोनों के बीच करीब 45 मिनट तक बात हुई. इस मुलाकात के बाद नीतीश कुमार के साथी रहे आरसीपी सिंह ने उनपर जुबानी हमला बोला दिया. इसके अलावा उन्होंने नीतीश से सात सवाल भी किए. आरसीपी सिंह ने कहा है कि, नीतीश कुमार लालू प्रसाद के शरण में नतमस्तक हो चुके हैं. 

Nitish Kumar drops close confidant R.C.P. Singh from Rajya Sabha, chooses  Jharkhand leader

आरसीपी सिंह ने ट्विटर पर नीतीश कुमार और लालू यादव की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि लालू जी शरणं गच्छामि ! इस फोटो के माध्यम से नीतीश बाबू कह रहे हैं-भाई साहब आप सही थे और मैं ग़लत था. मुझे माफ़ कर दीजिए . नीतीश बाबू ,बिहार की जनता, आपके समर्थक, शुभचिंतक इस फोटो का क्या अर्थ निकालें? 

इसके साथ ही आरसीपी सिंह ने फोटो पोस्ट करते हुए 7 सवाल पूछ दिया है...

1.क्या आप श्रीमान लालू जी को यह कह रहे हैं की भाई साहब 1994 के बाद मैंने जो आपके ख़िलाफ़ राजनीति की वो एक भूल थी , ग़लत था एवं बिना सोचे समझे था.

2.भाई साहब 1994 के बाद विभिन्न चुनावों के अवसर पर ,संसद में, विधान सभा में , विधान परिषद में आपके एवं आपके कार्यकाल के बारे में मैंने जितने भाषण दिए वो सभी असत्य थे ,बिना सोचे समझे एवं तथ्य से परे थे.

3.भाई साहब आपके ख़िलाफ़ मेरे कुछ सहयोगियों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाये, न्यायालयों में आपके ख़िलाफ़ केस किए एवं आपको भ्रष्टाचार के मामले में सज़ा भी हुई, वह ग़लत था और मैं उससे सहमत नहीं था ।इसके लिए मुझे आप माफ़ कर दीजिए.

4.नीतीश बाबू ,बिहार की जनता ये जानना चाहती है कि लोक सभा चुनावों में लालू जी के ख़िलाफ़ चुनाव जीतकर आप केंद्र में रेल मंत्री, कृषि मंत्री एवं भूतल परिवहन मंत्री बने, वो आपका निर्णय ग़लत था.

5.2005 में NDA के नेतृत्व में लालू जी के ख़िलाफ़ चुनाव जीतकर आप  बिहार के मुख्यमंत्री बने, वो आपका निर्णय ग़लत था.

 6.अगर ऐसी बात है नीतीश बाबू तो आपको लालू जी और उनके परिवार के साथ ही बिहार की जनता से ,करोड़ों मतदाताओं से अपनी गलती स्वीकार कर सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगनी चाहिए. साथ ही जिन कार्यकर्ताओं ने लालू जी के ख़िलाफ़ संघर्ष किया एवं आपका साथ दिया ,बलिदान दिया , उनसे भी आपको माफ़ी माँगनी चाहिए की मेरी राजनीति ग़लत थी.

7.जब जैसी, तब तैसी , गुड़ खाइए गुलगुले से परहेज़ ,नीतीश बाबू !