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आनंद मोहन की रिहाई की तैयारी पर मायावती का तंज, कहा- नीतीश कुमार और उनकी सरकार दलित विरोधी

 

पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार सरकार ने पिछले दिनों बिहार कारा हस्तक 2012 के नियम 481(i) (क) में संशोधन किया है. इस संशोधन में उस वाक्यांश को हटा दिया गया है, जिसमें सरकारी सेवक की हत्या को शामिल किया गया था. इससे उनके बाहर आने का रास्ता साफ़ हो गया है. लेकिन आनंद मोहन की रिहाई को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे हैं. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस रिहाई की तैयारी का विरोध किया है. इसे लेकर उन्होंने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार को दलित विरोधी करार दिया है. 

आनंद मोहन सिंह: बिहार का वो बाहुबली नेता, जिसे मिली थी फांसी की सजा - Anand  Mohan Singh Political career criminal cases bihar vidhan sabha chunav 2020  tstb - AajTak

मायावती ने ट्वीट कर कहा- बिहार की नीतीश सरकार द्वारा, आन्ध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनन्द मोहन को नियम बदल कर रिहा करने की तैयारी देश भर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है.

वहीं अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि आनन्द मोहन बिहार में कई सरकारों की मजबूरी रहे हैं, लेकिन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम श्री कृष्णैया की हत्या मामले को लेकर नीतीश सरकार का यह दलित विरोधी व अपराध समर्थक कार्य से देश भर के दलित समाज में काफी रोष है. चाहे कुछ मजबूरी हो किन्तु बिहार सरकार इस पर जरूर पुनर्विचार करे. 

आनंद मोहन की रिहाई को लेकर SC/ST आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष इंदु बाला ने सीधे तौर पर सरकार को दोषी माना है. उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधी को बचाने के लिए कानून तक बदल डालेंगे. गोपालगंज डीएम हत्या मामले में आनंद मोहन पर केस चल रहा. उन्हें जेल से बाहर निकालने के लिए कानून में संशोधन किया गया. आनंद मोहन को बचाने के लिए सरकार क्या-क्या कर सकती, ये समझ से परे हैं.