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मंत्री अशोक चौधरी बोलें- पहली बार शहादत सलामी में महिलाएं थी, महिला सिपाही के अभिवादन में CM ने बजाई ताली

 

महात्मा गांधी की 77वीं पुण्यतिथि पर पटना में बापू के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ था। यहां CM नीतीश महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद ताली बजाने लगे थे। विधानसभा स्पीकर नंदकिशोर यादव ने उन्हें रोका था। वहीं इस मामले पर सफाई देते हुए मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि जहां तक ताली बजाने की बात रही तो आपने देखा होगा अधिकतर समय में इस तरीके के कार्यक्रम में पुरुष सिपाही रहा करते थे। पहली बार पूरे शहादत सलामी में महिलाएं सिपाही थी। मैं खुद भी वहां पर मौजूद था। जब सायरन की आवाज खत्म हुई, तो मुख्यमंत्री ने महिला सिपाही जो सलामी दे रही थी उनके अभिवादन में ताली बजाई।

मंत्री अशोक चौधरी ने आगे कहा कि बापू के प्रति जो नीतीश कुमार का समर्पण है, वह उनके काम से ही नजर आता है। उन्होंने बापू को कैसे अपने सभी योजनाओं में शामिल किया। आपके पिताजी की भी सरकार थी कभी आपने महात्मा गांधी के लिए कोई भी काम किया। इसलिए यह कहना कि हम गोडसे वादी हैं और आप कुछ और हैं या बिल्कुल निराधार हैं।

मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार एक बड़े नेता हैं। उन्होंने अपने काम से इस प्रदेश के जनता के दिल में जगह बनाया है। नीतीश कुमार को कोई भी काम को लेकर उनको घेर नहीं सकता। नीतीश कुमार की कार्यशैली और ईमानदारी पर कोई सवाल नहीं उठा सकता।

अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर पर तंज कसते हुए कहा कि अभी एक नया नेता उभरे हैं, जो पीला गमछा लेकर चलते हैं। दूसरे नेता तेजस्वी यादव हैं। यह दोनों नेता मुख्यमंत्री पर पिछले दो सालों से बिना मतलब के सवाल उठा रहे हैं। कभी कहते हैं कि चार अधिकारियों ने उन्हें घेर रखा है वहीं सरकार चला रहे हैं। नीतीश कुमार के इमेज को डैमेज करने की कोशिश के सवाल पर अशोक चौधरी ने कहा कि जिनके खुद का ही कोई इमेज नहीं हो, वह CM नीतीश कुमार के इमेज को क्या डैमेज करेंगे। यह चरवाहा विद्यालय वाले लोग हैं। उनके समय में प्रगति यात्रा थोड़ी होती थी। विकास यात्रा थोड़े ना होता था, मुख्यमंत्री जाकर जिले में कहां लोगों से मिलते थे। इनको कहां से समझ में आएगा कि विकास कैसे होता है।

वहीं अनंत सिंह पर भी बयान देते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि वह जनप्रतिनिधि हैं, उसके तौर पर वह उसे गांव में गए। किसी गरीब आदमी के यहां कोई ताला लगा देगा यह बिल्कुल ही सही नहीं है। इसी मामले को सुलझाने के लिए अनंत सिंह वहां पर गए थे। मंत्री ने कहा कि जो लोग लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठा रहे हैं। वह अपने समय को याद करें। एक भी डॉक्टर थे बिहार में ? कितने डॉक्टर का अपहरण हुआ था ? लोग भूल गए किन परिस्थितियों में बिहार था। अभी के समय में कोई एक भी अपराधी क्या इस प्रदेश में रंगदारी मांग सकता है क्या ? आप लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठा रहे हैं। आपके माता-पिता ने किन परिस्थितियों में बिहार को छोड़ा था यह आपको याद नहीं है।