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नीतीश कैबिनेट विस्तार में इनका कट गया पत्ता, वैश्य समुदाय से बनाए गए 2-2 मंत्री, न ब्राह्मण न यादव न महिला बनी मंत्री

 

बिहार में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। बीजेपी कोटे से सात नए मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें एक भी महिला नहीं है। जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर मंत्रियों का चयन किया गया। इसमें राजपूत, भूमिहार और वैश्य जातियों से प्रतिनिधित्व मिला। यादव जाति से कोई भी मंत्री नहीं बनाया गया। कुछ बड़े नेताओं के नाम कटने की भी चर्चा है।

बीजेपी की ओर से मंत्री पद के कई दावेदार थे। लेकिन अंतिम रूप से सात विधायकों को ही मौका मिला। कई दिग्गज नेता मंत्री पद से वंचित रह गए। सूत्रों के अनुसार, पार्टी की शुरुआती सूची में कई अन्य नाम थे। लेकिन जातीय संतुलन और अन्य राजनीतिक कारणों से कुछ नाम हटा दिए गए। जातीय समीकरणों की बात करें तो बीजेपी ने राजपूत, भूमिहार और यादव जातियों से तीन-तीन नामों पर विचार किया था। वैश्य समाज से चार नामों पर चर्चा हुई। कुशवाहा जाति से एक नाम सामने आया था। अंततः सात विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।

यादव जाति से नवल किशोर यादव (एमएलसी) और गायत्री देवी दावेदार थे। लेकिन दोनों को मंत्री पद नहीं मिला। इसी तरह कुर्मी जाति से अवधेश कुमार सिंह का नाम भी चर्चा में था, मगर उन्हें भी मंत्री नहीं बनाया गया। इस मंत्रिमंडल विस्तार में महिलाओं को कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला, जो चर्चा का विषय है। इसमें कई उम्मीदवारों को निराशा हाथ लगी, जबकि कुछ नए चेहरों को मौका मिला।

नए मंत्रियों का कास्ट कैलकुलेशन
दरभंगा के जाले विधायक जीवेश मिश्रा भूमिहार जाति से आते हैं, ये दूसरी बार मंत्री बने
मुजफ्फरपुर के साहेबगंज से राजू सिंह विधायक हैं, ये राजपूत जाति से आते हैं
संजय सरावगी दरभंगा से विधायक हैं, ये मारवाड़ी हैं, पहली बार मंत्री बने
मोतीलाल प्रसाद सीतामढ़ी के रीगा से विधायक हैं और तेली जाति से आते हैं
कृष्ण कुमार मंटू छपरा के अमनौर से विधायक हैं, कुर्मी जाति से आते हैं, इन्हें मंत्री बनाया गया
डॉ. सुनील नालंदा के बिहारशरीफ से विधायक हैं, ये कोइरी जाति से आते हैं
विजय कुमार मंडल अररिया के सिकटी से विधायक हैं, केवट जाति से आते हैं

राजपूत जाति से राजू सिंह को मंत्री बनाया गया, जबकि अमरेंद्र प्रताप सिंह और राम प्रवेश राय का नाम शामिल नहीं हुआ। भूमिहार जाति से जीवेश मिश्रा को मंत्री पद मिला। जीवेश मिश्रा पहले भी मंत्री रह चुके हैं। अरुणा देवी और कुमार शैलेंद्र का पत्ता साफ हो गया। कुशवाहा जाति से सिर्फ डॉ. सुनील कुमार का नाम था, जिन्हें मंत्री बनाया गया।

वैश्य (अति पिछड़ा) वर्ग से मोतीलाल प्रसाद और संजय सरावगी को मंत्रिमंडल में जगह मिली। लाल बाबू गुप्ता और राम नारायण मंडल मंत्री नहीं बन पाए। अति पिछड़ा वर्ग से विजय कुमार मंडल को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।