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आज शाम नीतीश कैबिनेट का विस्तार, 21 मंत्री ले सकते हैं शपथ

 

बिहार में नीतीश सरकार का कैबिनेट विस्तार आज शाम होगा। कुल 21 मंत्री शपथ ले सकते हैं। बीजेपी के 12 और जेडीयू कोटे से 9 मंत्री हो सकते हैं।

मंत्रिमंडल विस्तार में जेडीयू कोटे के सारे मंत्री रिपीट होने की बात कही जा रही है। सिर्फ संजय झा की जगह महेश्वर हजारी की वापसी होगी। वहीं, बीजेपी में कई चेहरों के बदलने की चर्चा है। इसके पहले 28 जनवरी को नीतीश ने दो डिप्टी सीएम समेत 8 मंत्रियों के साथ सीएम पद की शपथ ली थी।

मंत्रियों के शपथ ग्रहण को लेकर राजभवन में तैयारी पूरी कर ली गई है। बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर गया के कार्यक्रम से राजभवन पहुंच चुके हैं। सीएम के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ राजभवन पहुंचे हैं।
बीजेपी कोटे से मंत्री पद की शपथ लेने वाली रेणु देवी (नोनिया) अति पिछड़ा, मंगल पांडेय (ब्राम्हण) सवर्ण, नीतीश मिश्रा (ब्राम्हण) सवर्ण, नीरज कुमार बबलू (राजपूत) सवर्ण, नितीन नवीन (कायस्थ) सवर्ण, दिलीप जायसवाल (वैश्य) पिछड़ा, संतोष सिंह (राजपूत) सवर्ण, जनक राम (चमार) दलित, केदार प्रसाद गुप्ता (वैश्य) पिछड़ा, हरी सहनी (मल्लाह) अति पिछड़ा और कृष्णनंदन पासवान (पासवान) दलित समाज के हैं।

वहीं जेडीयू कोटे से जो मंत्री शपथ लेने वाले हैं उनमें अशोक चौधरी (पासी) दलित, लेसी सिंह (राजपूत) सवर्ण, महेश्वर हजारी (पासवान) दलित, जयंत राज (कुशवाहा) पिछड़ा, सुनील कुमार (चमार) दलित, जमा खान (पठान) सवर्ण मुस्लिम, शीला मंडल (धानुक) अति पिछड़ा, रत्नेश सदा (मुसहर) दलित, मदन सहनी (मल्लाह) अति पिछड़ा और सुरेन्द्र मेहता (कुशवाहा) पिछड़ा समाज से आते हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार में बीजेपी और जेडीयू दोनों ने ही जातीय समीकरण का ख्याल रखा है और हर जाति को सरकार में हिस्सेदारी देने की कोशिश की गई है।

जदयू विधायक जमा खान राजभवन पहुंचे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकास पुरुष हैं। वे विकास के लिए जाने जाते हैं। इनमें सबसे अलग बात यह है कि या हर समुदाय की बात करते हैं। शांति और भाईचारे से राज्य को चलते हैं।

बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद 3 फरवरी को विभागों का बंटवारा हुआ था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पास कुल 5 मंत्रालय रखा। वहीं, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को 9-9 विभाग दिए गए।

विजय कुमार चौधरी को 6 विभाग, बिजेंद्र प्रसाद यादव और डॉ. प्रेम कुमार को 5-5 विभाग, श्रवण कुमार को 3 विभाग, संतोष कुमार सुमन को 2 विभाग और सुमित कुमार सिंह को एक विभाग विज्ञान प्रोद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा दिया गया था।