40 हजार टीचर्स की ही होगी ट्रांसफर-पोस्टिंग, इंतजार में 1.90 लाख, 200 किलोमीटर दूरी वाले शिक्षकों को मिल सकता है फायदा
बिहार के 1 लाख 90 हजार शिक्षक ट्रांसफर के इंतजार में हैं। शिक्षा विभाग के सूत्रों की माने तो सरकार सिर्फ तीस से चालीस हजार शिक्षकों के ट्रांसफर पर विचार कर रही है। बाकी स्क्रूटनी में बाहर किए जा सकते हैं। यह शिक्षा विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने साल के पहले सप्ताह में ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया पूरी करने की बात कही थी।
सूत्रों की माने तो आवेदन देने वाले ज्यादातर शिक्षकों ने जिलों के अंदर ही ट्रांसफर के लिए आवेदन किया है। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पटना सदर में पोस्टिंग के लिए दानापुर परिषद, फुलवारी परिषद, फतुहा परिषद जैसे स्थानों से तबादले के लिए आवेदन दिया गया है। शिक्षकों ने दूरी के आधार पर 15 किलोमीटर के डिस्टेंस को बेस बनाकर आवेदन किया है। ऐसे आवेदनों का रिजेक्ट होना तय माना जा रहा है।
शिक्षा विभाग की माने तो वैसे टीचर जिनकी पोस्टिंग दूर के जिलों में है। उन्हें वरीयता मिल सकती है। बिहार में टीआरई-1 और टीआरई-2 में शिक्षकों की पोस्टिंग किशनगंज से पश्चिम चंपारण, गया से अररिया, अररिया से गया, नालंदा से बेतिया तक की गई है।
स्क्रूटनी में लगाए गए अधिकारियों की बड़ी चुनौती आवेदन को ट्रांसफर के लिए आगे बढ़ाना है। शिक्षा विभाग ने स्क्रूटनी की गाइडलाइन में कहा गया है कि प्रतिनियुक्त अधिकारी फॉर्म स्क्रूटनी में किसी सहयोगी का सहयोग नहीं लेना है। सचिवालय सहायक, क्लर्क, कम्प्यूटर ऑपरेटर का सहयोग नहीं ले। ऐसे में एक अधिकारी को 11 हजार 875 फॉर्म को निपटारा करना है। इधर, प्रतिनियुक्त अधिकारी की माने तो एक दिन में एक अधिकारी 50 फॉर्म को स्क्रूटनी कर सकते हैं। इनकी माने तो सरकार ट्रांसफर को टालना चाहती है। इसलिए इस तरह का प्रावधान किया गया है।
शिक्षकों की पहली पसंद पटना सदर और बिहार-यूपी के बॉर्डर वाले जिले बना है। पटना के सरकारी स्कूल खूब पसंद किए गए हैं। बक्सर, पश्चिम चंपारण जैसे जिले यूपी से नियुक्त किए गए शिक्षकों की पहली पसंद है।
शिक्षा विभाग को मिली अर्जिया चौंकाने वाली हैंं। बिहार में तलाक की वजह से टीचर ज्यादा परेशान हैं। आंकड़े बताते हैं कि कैंसर बीमारी की वजह से 760 टीचर ने ट्रांसफर की अर्जी दी है, जबकि तलाक को कारण बताते हुए कुल 1338 टीचर ने ट्रांसफर की मांग की है।
इस तबादले में सबसे पहली प्राथमिकता कैंसर मरीजों को मिलना है। इन शिक्षकों के चॉइस पोस्टिंग के आवेदन पर सबसे पहले ध्यान दिया जाएगा। इसके बाद क्रिटिकल इनलनेस वाले को प्राथमिकता दी जाएगी। फिर इसके बाद दिव्यांग, आटिज्म, विडो, पति-पत्नी के आधार पर पोस्टिंग की जाएगी। महिलाओं को भी तवज्जो मिलेगी। तबादला पॉलिसी इसी तरह से बनाई गई है।