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ओडिशा में सत्ता परिवर्तन, राजनाथ-भूपेंद्र करेंगे ओडिशा के मुख्यमंत्री का फैसला, ये हैं प्रमुख दावेदार

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ओडिशा में सरकार बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। पहली बार ओडिशा में सरकार बनाने जा रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधायक दल के नेता का चुनाव करने के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव को अगले मुख्यमंत्री का चुनाव करने की जिम्मेदारी दी गई है। सोमवार को विधायकों की बैठक होने की संभावना है, जिसमें विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाएगा जो राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेगा।

पार्टी के एक बयान के अनुसार, उसके संसदीय बोर्ड ने बैठक की निगरानी के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है, जिनकी जिम्मेदारी राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव को सौंपी गई है। दोनों नेता ओडिशा विधानसभा चुनाव में सक्रिय रूप से शामिल थे।

दूसरी ओर, ओडिशा में पहली बार बन रही भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री के शपथग्रहण समारोह की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। जनता मैदान को शपथग्रहण के लिए सजाया जा रहा है। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह सहित 30,000 लोग शामिल होंगे। शपथग्रहण समारोह 10 जून को होगा। भाजपा आलाकमान ने सरकार गठन के लिए तीन नेताओं के पैनल को ओडिशा भेजा है। इनमें मध्यप्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग, भोपाल सांसद आलोक शर्मा और भाजपा नेता लोकेंद्र पाराशर शामिल हैं।

ओडिशा के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में संबलपुर के सांसद और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पूर्व राज्य भाजपा अध्यक्ष और पटनागढ़ से नवनिर्वाचित विधायक केवी सिंह देव का नाम सबसे आगे है। प्रधान राज्य में भाजपा का चेहरा माने जाते हैं और ओबीसी वर्ग से आते हैं। वहीं, देव पांच बार के विधायक रहे हैं और उन्होंने 2000 से 2009 के बीच नवीन पटनायक मंत्रिपरिषद में मंत्री के रूप में काम किया है। इन दोनों के अलावा आदिवासी नेता मोहन माझी का नाम भी चर्चा में है। माझी क्योंझर सीट से चुने गए हैं।

गौरतलब है कि ओडिशा में पिछले 24 साल से बीजू जनता दल का शासन रहा है और नवीन पटनायक मुख्यमंत्री रहे, लेकिन 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। भाजपा ने 147 सदस्यीय विधानसभा में 78 सीटें जीतीं और राज्य में पहली बार बहुमत हासिल किया। वहीं, लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए 21 में से 20 सीटों पर कब्जा जमाया।