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RCP सिंह का नीतीश पर वार, कहा- आप PM थे, आप PM हैं, आप PM रहेंगे! P-पलटी, M-मार

 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन दिनों के दिल्ली दौरे से बिहार वापस लौट आए हैं. दिल्ली दौरे के दौरान नीतीश कुमार ने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के कई नेताओं से मिले। वहीं नीतीश कुमार के इस दौरे पर पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने तंज कसा है. आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश बाबू आप PM थे, PM हैं और PM रहेंगे। पी से पलटी और एम से मार।  

Nitish Kumar drops close confidant R.C.P. Singh from Rajya Sabha, chooses  Jharkhand leader

आपको बता दें कि आरसीपी सिंह ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लंबा पोस्ट किया है. आरसीपी सिंह ने लिखा कि नीतीश कुमार आपका दिल्ली प्रवास व्यस्त रहा। कई दलों के नेताओं, उनके परिवार के सदस्यों से आपकी बड़ी ही स्नेहिल मुलाक़ात रही। प्रेस कांफ्रेंस भी हुआ, फोटो सेशन भी रहा। स्वाभाविक है जब इतना हुआ तो कुछ बातें भी अवश्य हुई होंगी। बातचीत के मध्य में विपक्षी एकता का मुद्दा रहा और इसका नेतृत्व कौन करेगा इसपर अन्य दलों के नेता एवं आप ख़ुद भी असहज दिखे।

राजद के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि जितना शीघ्र हो आप PM पद के उम्मीदवार/ विपक्षी एकता के संयोजक या फिर और किसी नाम के बैनर के तहत बिहार से बाहर निकलें और मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने उपमुख्यमंत्री को सौंप दें । आप क्या करेंगे वो आप ही जानते होंगे !

कांग्रेस पार्टी का क़रीब 138 वर्षों का इतिहास रहा है । इस दल में एक ही वंश के तीन तीन प्रधानमंत्री हुए एवं आज पाँचवी पीढ़ी के छठे नेता पार्टी के सर्वे सर्वा हैं। आज भी कुछ प्रदेशों में इनकी सरकारे हैं। इस परिस्थिति में नीतीश बाबू आप ही समझें कि कांग्रेस पार्टी विपक्षी एकता की कमान किन परिस्थितियों में आपको सौंपेगी। आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो आपके नेतृत्व को कैसे देखते हैं यह आप भली भांति जानते हैं । वाम दलों के नेताओं ने भी आपका स्वागत किया परंतु आप पर उनका कितना विश्वास है यह आप ही समझें।

नीतीश बाबू आप मानें या ना मानें विभिन्न दलों के नेता एवं कार्यकर्ता आपको संशय(suspicion) की नज़र से देखते हैं । आपकी साख(credibility) समाप्त हो चुकी है और आपकी विश्वसनीयता (reliability) बची ही नहीं। ऐसे में कोई दल कैसे आप पर विश्वास कर देश की बागडोर आपको दे सकता है ? नीतीश बाबू राजनीति में आप काफ़ी अनुभवी हैं पर आप जानते ही हैं कि इस देश में 1977 से लेकर 1999 तक कुल 12 प्रधानमंत्री हुए। मतलब कि 22 वर्षों में 12 प्रधानमंत्री!

आश्चर्य मत करिए इनमें भी सर्व श्री मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह ,वीपी सिंह ,देवेगौड़ा जी और गुजराल साहब का कार्यकाल कुल मिलाकर 6 वर्षों और 58 दिनों का रहा।इनमें सबसे छोटा कार्यकाल चौधरी चरण सिंह का 170 दिनों का तथा सबसे लंबा कार्यकाल मोरारजी देसाई जी  का 2 वर्षों एवं 126 दिनों का रहा ।नीतीश बाबू अब ज़रा सोचिए उस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की क्या स्थिति थी तथा राजनीतिक अस्थिरता के चलते देश रसातल में जा चुका था।

आज तो और दिलचस्प स्थिति रहेगी आप लोग कहते हैं कि 20 दल एक साथ आएंगे मतलब कि 2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री पद के विपक्षी दलों के कम से कम 20 उम्मीदवार प्रधानमंत्री बनने के लिए अपने मन में चाह रखेंगे।स्पष्ट है कि 5 वर्षों का कार्यकाल में 20 लोगों की प्रधानमंत्री की दावेदारी।समझ लीजिए कि एक प्रधानमंत्री का कार्यकाल क़रीब 3 महीने का होगा।इसका देश पर  क्या प्रभाव पड़ेगा ? आज भारतवर्ष G20 का प्रेसिडेंट है। दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है ।लोग क्या कहेंगे , इसे समझिए नीतीश बाबू। वैसे भी आप तो यही चाहते हैं कि आप PM बनें। आप PM थे । आप PM हैं । एवं आप PM रहेंगे। हाँ मैं सही कह रहा हूँ ।
PM का मतलब समझिए : 
P-पलटी 
M-मार 
PM=पलटी मार

आप तो समझ ही गए होंगे आपका भविष्य उज्ज्वल हो यही मेरी कामना है !

कुर्सीवाद  ज़िंदाबाद!कुर्सीवाद ज़िंदाबाद !
वंशवाद ज़िंदाबाद ! वंशवाद ज़िंदाबाद !
पलटीमारवाद ज़िंदाबाद ! पलटीमारवाद ज़िंदाबाद !

शुक्रिया।