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महागठबंधन की बैठक से पहले दिल्ली जाएंगे तेजस्वी, खड़गे की आवास पर होगी बड़ी मीटिंग

 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए के साथ साथ महागठबंधन भी एक्शन में है। आगामी 17 अप्रैल को महागठबंधन के नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। लेकिन उससे पहले दिल्ली में तेजस्वी यादव , राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मीटिंग होने वाली है। अब तक की जानकारी के अनुसार 15 अप्रैल को खरगे के आवास पर तीनों नेताओं के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन की चर्चा है। बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी यादव का यह दिल्ली दौरा काफी अहम बताया जा रहा है। तेजस्वी यादव सोमवार को दिल्ली रवाना होंगे।

दरअसल महागठबंधन में सीट शेयरिंग से ज्यादा सीएम फेस का मुद्दा गरम है। राजद तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट घोषित कर चुकी है। खुद तेजस्वी यादव ने भी मुसहर भुईयां सम्मेलन के सार्वजनिक मंच से कहा कि आप लोग मुझे मुख्यमंत्री बनाइए तो आपकी पूरी सेवा करेंगे। राजद सुप्रीमो लालू यादव ने भी मोतिहारी में कहा कि 2026 में तेजस्वी की सरकार बनने से कोई रोक नहीं सकता। लेकिन कांग्रेस के बड़े नेता तेजस्वी यादव के नाम पर हरी झंडी देने को तैयार नहीं हैं। राजनीति की समझ रखने वालों का मानना है कि दिल्ली की मीटिंग में इस मसले पर गहन चर्चा होगी।

बैठक को लेकर आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि यह एक औपचारिक मीटिंग है। हालांकि यह कहना नहीं भूले कि राजद कांग्रेस पार्टी का सबसे पुराना सहयोगी है। मीटिंग में सारे परिदृष्य पर बात होगी। महागठबंधन की बैठक के दो दिन पहले राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से तेजस्वी यादव की मुलाकात की बिहार के राजनैतिक गलियारे में काफी चर्चा है। महागठबंधन में चुनाव से काफी पहले ही सीटों पर दावेदारी की शुरुआत हो चुकी है। कांग्रेस पार्टी ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है तो मुकेश सहनी की वीआईपी ने साठ सीट और डिप्टी सीएम पर के लिए अपना दावा ठोक दिया है। इन सबके बीच कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने तेजस्वी को सीएम फेस बताने पर रजामंदी नहीं दी। हालांकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह बार बार कहते हैं कि 2020 के लिए तेजस्वी यादव महागठबंधन के सीएम फेस थे और 2025 के लिए भी वही हैं। अखिलेश सिंह ने अपने नेताओं को ही कम समझदार और बयानवीर करार दे दिया।