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हाजीपुर पर नहीं थम रही लड़ाई, पशुपति पारस बोले- हाजीपुर की सीट मेरी थी, है और रहेगी

 

आगामी लोकसभा चुनाव की जंग के लिए दो बड़े  खेमे बनकर तैयार हैं. एक तरफ भाजपा की अगुवाई वाली NDA है, वही दूसरी तरफ विपक्षी दलों का गठबंधन I.N.D.I.A है. NDA के नेता I.N.D.I.A में सीट बटवारें को लेकर खूब चुटकी ले रहे हैं. लेकिन अब इनसब के बीच NDA में सीट बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है. पहला पेंच तो बिहार में ही अटका है. जहां NDA के पुराने साथी पशुपति पारस और NDA के नये नवेले साथी चिराग पासवान के बीच हाजीपुर सीट को लेकर तलवार खींची हुई दिख रही है.

"हाजीपुर की सीट मेरी थी, है और रहेगी"

आज एक बार फिर से केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने हाजीपुर सीट पर अपना दावा ठोक दिया है. उन्होंने कहा कि गठबंधन में जिन पार्टियों को जितनी सीटों पर पिछले चुनाव में विजय मिली और जो वहां के सांसद हैं उन्हें पहला मौका मिलना चाहिए. यही हमारा फार्मूला है. मैं हाजीपुर का सांसद हूं और वहां मेरे बड़े भाई रामविलास पासवान एमपी रहे. उन्होंने मुझे अपना उत्तराधिकारी बनाया. इसलिए हाजीपुर की सीट मेरी थी, है और मेरी ही रहेगी. वहां हम 1977 से राजनीति करते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान बेवजह की जिद करते हैं. उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के उम्मीदवारों के खिलाफ अपनी पार्टी का कैंडिडेट उतार दिया था. इसे अभी तक लोग भूले नहीं हैं.

"भाजपा सबको मिला-जुला चलेगी"

उन्होंने कहा कि गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में  भाजपा है . जो घर का मालिक होता है उसे सब को खुश रखना पड़ता है. जहां तक सीटों का सवाल है तो केवल बिहार की 40 सीट ही नहीं है बल्कि पूरे देश की 543 सीटों पर एनडीए चुनाव लड़ रहा है. भाजपा का जनाधार पूरे देश में है. उम्मीद है कि भाजपा सबको मिला-जुला का एडजस्ट करके चलेगी.

16 फरवरी को होगी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक

पशुपति पारस ने बताया कि उनकी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में 16 फरवरी को होने वाली है और इसमें पार्टी के सभी नेता शामिल होंगे. उससे पहले 9 फरवरी को सीट शेयरिंग पर बात होने की उम्मीद है. नेशनल एग्जीक्यूटिव की मीटिंग में हम लोग तय कर लेंगे की जितनी सीट हमें गठबंधन के तहत मिलेगी उसे पर सघन चुनावी अभियान कैसे चलाया जाए.

हाजीपुर में असली जंग

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस और लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के बीच की कड़वाहट जगजाहिर है. लेकिन अब दोनों ही NDA का हिस्सा हैं. ऐसे में दोनों के बीच सीटों का बंटवारा मुश्किल काम है. ये मुश्किल दिन प्रतिदिन और बढ़ती ही जा रही है. क्योंकि हाजीपुर लोकसभा सीट के लिए दोनों ही अपना दावा ठोंक रहे हैं. चूंकि इस सीट से दिवंगत नेता रामविलास पासवान कई बार संसद पहुंचे. लेकिन उनके बाद ये सीट उनके भाई पशुपति पारस के हिस्से आई. रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान खुद को इस सीट का योग्य उतराधिकारी मानते हैं. लेकिन चाचा पारस भी पाने पाँव पीछे नहीं खींचना चाहते हैं. यही कारण है कि दोनों के बीच में ठनी हुई है.