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झारखंड की इन चार सीटों पर होगा त्रिकोणीय मुक़ाबला, जानें क्या है वजह

लोकसभा चुनाव की शुरुआत हो चुकी है। झारखंड में चौथे चरण से मतदान होना है। ऐसे में झारखंड में लोकसभा चुनाव एक दिलचस्प मोड़ लेता दिख रहा है। एक तरफ भाजपा ने पहले ही अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी थी। जिसके बाद भाजपा प्रत्याशियों ने जनता से संपर्क साधना भी शुरू कर दिया। वहीं दूसरी तरफ सीट शेयरिंग का फार्मूला तय होने के बाद भी महागठबंधन चुनावी दंगल में उम्मीदवार उतारने में देरी की। साथ जिन उम्मीदवारों को उतारा भी गया, उन्हें आपसी विरोध के कारण बदलना पड़ा। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि महागठबंधन के नेता अपनी ही पार्टी के लिये मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। 

बताते चलें कि झारखंड में चार लोकसभा सीटें हैं, जहां महागठबंधन के नेताओं ने ही लड़ाई को त्रिकोणीय बनाया हुआ है। चतरा, लोहरदगा, कोडरमा और राजमहल ऐसी सीटें हैं, जिसमें महागठबंधन दल के नेता अपनों के लिए ही परेशानी का सबब बन चुके हैं।

पार्टी से हुए बागी, अब लड़ेंगे अपनों के खिलाफ
महागठबंधन की ओर से तय फॉर्मूले के मुताबिक सात सीटों पर कांग्रेस, पांच सीटों पर जेएमएम, एक सीट राजद और एक सीट माले के हिस्से है। चतरा, लोहरदगा, कोडरमा और राजमहल लोकसभा सीट पर ट्राएंगल बैटल के आसार हैं। ऐसा इसलिए कि इन चार सीटों में कोडरमा, राजमहल और लोहरदगा सीट पर जेएमएम ही बागी हो गया है।

लोकसभा सीट के अनुसार स्थिति

चतरा लोकसभा : गिरिनाथ ​सिंह लड़ सकते हैं निर्दलीय, भाजपा को सीधा फायदा
पहले राजद और कांग्रेस के बीच चतरा सीट पर दावेदारी की जोर आजमाइश हुई। इसमें कांग्रेस विजयी हुई। लेकिन, टिकट की आस में भाजपा छोड़कर राजद में आए गिरिनाथ सिंह निराश हो गए। अगर, गिरिनाथ सिंह चतरा से निर्दलीय या बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में कूदे तो त्रिकोण बनना तय है। गिरिनाथ सिंह की क्षेत्र में अपनी पहचान व स्वजातीय मतदाताओं के रुझान से उम्मीद है। यहां इंडी गठबंधन से कांग्रेस के प्रत्याशी केएन त्रिपाठी हैं, जबकि एनडीए से भाजपा प्रत्याशी कालीचरण सिंह मैदान में हैं।

कोडरमा लोकसभा : झामुमो नेता जेपी वर्मा ने खड़ी की माले के विनोद सिंह की परेशानी
कोडरमा संसदीय सीट पर झामुमो नेता जेपी वर्मा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। स्वजातीय मतदाताओं की अच्छी संख्या होने के दम पर ही वर्मा ने भाजपा छोड़ झामुमो का दामन थामा था। लेकिन, इंडिया गठबंधन में बनी सहमति में यह सीट माले के खाते में चली गई। इस कारण जेपी वर्मा का टिकट कट गया। लेकिन, वर्मा चुनाव लड़ने की जिद पर अभी तक अड़े हुए हैं। वह गांडेय विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। इसलिए उन्हें भी चुनाव जीतने का पूरा भरोसा है।

लोहरदगा लोकसभा : जेएमएम के चमरा ने बढ़ाई चिंता
लोहरदगा में त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति सबसे स्पष्ट दिख रही है। झामुमो विधायक चमरा लिंडा नामांकन दाखिल कर चुनाव मैदान में कूद चुके हैं। चमरा विशुनपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। क्रिश्चियन, मुस्लिम और आदिवासी मतदाताओं के बीच पैठ रखनेवाले चमरा लिंडा के चुनावी रण में उतर जाने से यहां भी त्रिकोणीय संघर्ष तय है। चमरा लिंडा के उतरने से झामुमो और कांग्रेस के सिर पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं। क्योंकि, कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत हैं, जबकि एनडीए से भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव मैदान में हैं।

राजमहल लोकसभा : जेएमएम के बागी विधायक लोबिन ने बिगाड़ा खेल
राजमहल संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने इस बार ताला मरांडी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, झामुमो ने वर्तमान सांसद विजय हांसदा को टिकट दिया है। लेकिन, लंबे समय से हेमंत सोरेन के नेतृत्व पर उंगली उठाते आ रहे झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने भी यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। लोबिन राजमहल संसदीय क्षेत्र के बोरियो विधानसभा क्षेत्र से झामुमो के विधायक हैं। इस लिहाज से उनकी भी उस क्षेत्र में कुछ व्यक्तिगत पैठ भी है। इस तरह स्वाभाविक रूप से यहां त्रिकोणीय संघर्ष के आसार दिखने लगे हैं।

इन चार लोकसभा में उतरे हुए उम्मीदवार

चतरा लोकसभा सीट
केएन त्रिपाठी- कांग्रेस
कालीचरण सिंह - भाजपा
गिरिनाथ सिंह - निर्दलीय या बसपा से उतरने के आसार

लोहरदगा लोकसभा सीट
सुखदेव भगत- कांग्रेस
समीर उरांव- भाजपा
चमरा लिंडा -निर्दलीय

कोडरमा लोकसभा सीट
विनोद सिंह-सीपीआई माले
अन्नपूर्णा देवी-भाजपा
जेपी वर्मा - जेएमएम से हैं, निर्दलीय लड़ सकते हैं

राजमहल लोकसभा सीट
विजय हांसदा-झामुमो
ताला मरांडी-भाजपा
लोबिन हेंब्रम- निर्दलीय (घोषणा कर चुके हैं)