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नीट पेपर लीक मामले में नोटिस के बाद EOU कार्यालय पहुंचीं दो छात्राएं, कहा- जांच में पूरा सहयोग करेंगे

 

नीट पेपर लीक मामले में ईओयू ने जिन 9 अभ्यर्थियों को नोटिस जारी किया था, उनमें से आज दो महिला अभ्यर्थी सामने आईं हैं. बुधवार को दो अभ्यर्थी अपने अभिभावकों के साथ पटना ईओयू कार्यालय पहुंचीं हैं. दोनों से पूछताछ जारी है. माना जा रहा है कि इस पूछताछ में कई अहम खुलासे हो सकते हैं.

 एक कैंडिडेट का नाम ईशा है। बख्तियारपुर की रहने वाली ईशा अपने पैरेंट्स के साथ आई है। ईशा ने कहा है कि वो आर्थिक अपराध इकाई के जांच में सहयोग करेगी।

वहीं, दूसरी लड़की अपने पिता और चाचा के साथ आई है। कई बार पूछने के बाद नाम नहीं बताया। उसने कुछ भी बताने से सीधा इनकार कर दिया है। वह चुप्पी साधे हुई है। EOU परीक्षा​र्थियों के साथ-साथ उनके पेरेंट्स से भी पूछताछ करेगी।


बिहार आर्थिक अपराध इकाई को 13 परीक्षार्थियों का रोल कोड और नंबर मिले थे जिसमें से 4 की गिरफ्तारी हो चुकी है. बांकी 9 अभ्यर्थियों को नोटिस जारी किया था. 9 में से दो अभ्यर्थी और उनके अभिभावक मंगलवार को पूछताछ के लिए ईओयू कार्यालय पहुंचे थे. मंगलवार को पूछताछ में एक अभ्यर्थी के अभिभाक ने सांसद का नाम लिया है. हालांकि ईओयू ने सांसद के नाम का खुलासा नहीं किया है. बुधवार को दो भी छात्राएं ईओयू कार्यालय पूछताछ के लिए पहुंची है.

 इस मामले में एक मंत्री की संदिग्ध भूमिका सामने आ रही है. दानापुर नगर परिषद का जूनियर इंजीनियर और पेपर लीक का मास्टरमाइंड सिकंदर यादवेंदु ने 4 मई को अपने साले की पत्नी और उसके बेटे को एनएचआई गेस्ट हाउस में ठहराया था. साले का बेटा भी नीट अभ्यर्थी है. जिस गेस्ट हाउस में रूका वहां दो अन्य अभ्यर्थी रूके थे. गेस्ट हाउस की डायरी में एक नंबर और मंत्री जी लिखा था. अब मंत्री कौन है इसका खुलासा पूछताछ के बाद होगा?

इधर, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने नीट पेपर लीक मामले पर कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। जो अनियमितता होती है। उसमें जो साधन सम्पन्न वाले होते हैं, वह इसका लाभ उठाते हैं, लेकिन गरीब के बच्चे, जिसकी कोई पैरवी नहीं, जिसके पास पैसा नहीं है, वह वंचित हो जाते है। इसलिए नीट में जो गड़बड़ी हो रही है, उसको हर हालत में रोकना चाहिए और इसमें शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए।

5 मई को पूरे देश में नीट की परीक्षा आयोजित हुई थी. परीक्षा के थोड़ी देर पेपर लीक का मामला सामने आया. इसके बाद पुलिस ने बिहार के कई जिलों से कई सॉल्वर और अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया. हालांकि कुछ को छोड़ दिया गया. जांच के क्रम में ईओयू को 13 अभ्यर्थियों के रोल कोड मिले थे जिसमें 4 की गिरफ्तारी हो चुकी है. 9 अभ्यर्थियों से पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है.