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विधायकों की टूट पर बोले विजय सिन्हा, खिलाड़ी बनते थे, उनका खेल अब खत्म हो गया

 

विधायकों की टूट को लेकर बिहार की सियासत गर्म है. महागठबंधन में लगातार हो रही टूट पर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि ये काफी दुखद है कि विपक्ष इतना कमजोर हो गया है. सशक्त विपक्ष का रहना सरकार के लिए जरूरी होता है. उन्होंने ये कभी उम्मीद नहीं की थी कि विपक्षी खेमे में इस तरह की भगदड़ मचेगी.

एक तरफ जहां कांग्रेस और आरजेडी बीजेपी पर विधायकों को तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं तो वहीं बीजेपी का कहा है कि नेतृत्व की नाकामी के कारण विपक्षी दलों के विधायक पार्टी छोड़कर भाग रहे हैं. डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी पर तंज करते हुए कहा है कि जो लोग खिलाड़ी बनते थे उनका खेल अब खत्म हो चुका .

डिप्टी सीएम विजयसिन्हा ने कहा है कि इन लोगों के पास अब कोई मुद्दा नहीं है इसीलिए ये लोग अनाप शनाप विलाप कर रहे हैं. विपक्ष का कमजोर होना काफी दुखद है. इनके विधायकों को नेतृत्व पर विश्वास नहीं है. ये लोग खेला करने की बात कहते थे और खुद झमेला में पड़ गए हैं. ये लोग हमारे विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रहे थे. जदयू बीजेपी के विधायकों को लगातार ये लोग लालच दे रहे थे लेकिन हम लोग अपनी पार्टी के साथ निष्ठा से हैं.

उन्होंने तेजस्वी यादव को इमैच्योर बताते हुए कहा कि जब सदन चल रहा है, तो उसका नेता क्षेत्र भ्रमण कर रहा है और जब जनता के बीच जाना है, तो उसका नेता दिल्ली में बैठा है, या फिर विदेश घूम रहा है. ये सिर्फ विपक्षी नेतृत्व के अपरिपक्वता के कारण है.

विजय सिन्हा ने कहा कि वह भी 500 दिन विपक्ष में रहे और 371 दिन क्षेत्र में जनता के बीच रहे, जो लगभग 70% है. लेकिन वे कभी भी सदन की कार्रवाई के दौरान अनुपस्थित नहीं हुए. जनता के सवालों को लेकर सदन में आवाज उठाई और जनता की आवाज बनें. नेता प्रतिपक्ष को जनता की आवाज बनने की बड़ी जिम्मेदारी होती है और लोकतंत्र में सड़क की आवाज को सदन तक पहुंचाना पड़ता है.

'सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं तेजस्वी': विजय सिन्हा ने कहा कि तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर सकते हैं, क्योंकि वह सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को दो-दो पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे कहलाने का अभिमान भी है, तो वह एक जनसेवक कभी नहीं हो सकते.