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जो सरकार बालू, दारू और ताड़ी शुरू करने को कहे उसी को वोट देना है: जीतन राम मांझी

 

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी कानून को लेकर बड़ा बयान दिया है. जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी से सिर्फ दलितों और महादलितों का शोषण हो रहा है, जिससे बिहार कि महिलाएं और बेटियां काफी परेशान हैं. मांझी ने ये तक कह दिया कि जो सरकार बालू,दारू और ताड़ी शुरू करने को कहे उसी को वोट देना है. 

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दरअसल बीते दिन जीतन राम मांझी गया के वजीरगंज में एक कार्यक्रम को संबोधित करने पहुंचे थे. इसी बीच, स्थानीय लोगों ने मांझी से कहा कि पिछले दिनों दारू के नाम पर पुलिस और आबकारी विभाग के लोगों ने उन्हें दौड़ा दौड़ा कर पीटा. लोगों की समस्या को सुनकर मांझी भड़क गए और उन्होंने लोगों से कहा कि जो सरकार बालू,दारू और ताड़ी शुरू करने को कहे उसी को वोट देना है. 

आगे मांझी ने कहा कि एक्साइज विभाग शराबबंदी के नाम पर गरीबों पर कहर ढा रहा है. शराबबंदी के तहत 3.50 लाख ऐसे लोग पकड़े गए, जो मजदूरी करके लौट रहे थे. उन्होंने 250 ग्राम शराब पी ली थी. इन्हें जेल भेज दिया गया या जुर्माना लिया गया. जुर्माना नहीं दिया तो जेल जाना पड़ा. ऐसा कानून नहीं चाहिए, ऐसा कानून बंद हो. 

उन्होंने बताया कि वह 79 वर्ष के हैं. हमारे पिताजी भी शराब बनाते थे. लेकिन आज कल जो शराब बन रही है वो जहरीली है. एक राजमिस्त्री की मज़दूरी 700 रुपये है. वह काम करते-करते थक जाता है, आधी बोतल शराब पी लेता है और पुलिस उसे पकड़ लेती है. अब उस गरीब आदमी को 6000 रूपये का जुर्माना भरना पड़ेगा, इसके साथ-साथ उसे ऊपरी भी देना पड़ता है, अब वह गरीब आदमी कहां से भरेगा ? उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर गरीबों को मारने का भी आरोप लगाया.''