Movie prime

सियासी अटकलों के बीच क्या कहते हैं आंकड़े, खेमा मजबूत करने में जुटे लालू

 

बिहार में गुरुवार को राजनीतिक दल सियासी जोड़-तोड़ में लगे हुए रहे. सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के एनडीए में शामिल होने की संभावना है. ऐसे बीजेपी में इसको लेकर बैठक हो रही है तो वहीं नीतीश कुमार की पार्टी में बैठक का दौर जारी है. उधर, महागठबंधन के सहयोगी आरजेडी के नेता लालू यादव भी अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने सीएम से फोन पर बात की है तो अपने विश्वासपात्र शिवानंद तिवारी को नीतीश कुमार से मिलने के लिए भेजा है.

दूसरी तरफ बीजेपी ने भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया. बिहार में विधानसभा सदस्यों की संख्या 243 है और बहुमत का आंकड़ा 122 है. सरकार में आरजेडी, जेडीयू, कांग्रेस और लेफ्ट शामिल है. आरजेडी के 79, जेडीयू के 45, कंग्रेस के 19, लेफ्ट के 16 और एक निर्दलीय सदस्य सत्तापक्ष में है जबकि विपक्षी एनडीए के घटक बीजेपी के 78 और एचएएम के पांच विधायक हैं. बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 40 सीटें चाहिए. अगर जेडीयू साथ आ जाती है तो उसके लिए यह राह आसान हो सकती है. 

बिहार की सियासत में एक बार फिर उथल-पुथल मच गई है. नीतीश कुमार के RJD से नाता तोड़ने की अटकलों के बीच लालू खेमे ने 122 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए 8 और विधायकों को साधने की कवायद शुरू कर दी है. 243 सीटों वाली विधानसभा में फिलवक्त सीटों का गणित कुछ इस तरह है. राजद+कांग्रेस+लेफ्ट की सीटों को मिला लिया जाए तो 79+19+16 यानी 114 का नंबर बनता है. मतलब साफ है बहुमत के लिए 8 विधायकों की कमी है. लालू खेमा इन्हीं 8 विधायकों को साधने में जुट गया है.

वहीं, नीतीश कुमार अपने आवास पर जेडीयू के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं. लालू जादुई आंकड़ा जुटा लें, इससे पहले ही नीतीश विधानसभा भंग कर सकते हैं. सत्ता हासिल करने के लिए सीटों के समीकरण की बात करें तो जीतन राम मांझी की पार्टी HAM के 4 विधायक हैं. AIMIM का 1 विधायक, एक निर्दलीय विधायक (सुमित सिंह हैं. अगर लालू इन्हें भी साथ लेते हैं तो नंबर बनता है 120 का. अभी भी लालू को 2 विधायक और चाहिए. वहीं, सीएम हाउस के बाद राबड़ी आवास में भी हलचल तेज हो गई है.