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मांझी ने नीतीश पर किया वार तो ढाल बने अशोक चौधरी, दलितों के सम्मान को लेकर हुई भिडंत

 

हम(सेक्युलर) के संरक्षक जीतन राम मांझी इन दिनों बिहार में सियासी उलट-पुलट को लेकर खूब भविष्यवाणी कर रहे है. अपने बयानों के जरिए नीतीश कुमार के एनडीए में वापस आने संकेत दे रहे हैं. इसको लेकर जदयू के विधायक गोपाल मंडल ने मंझि पर आपत्तिजनक टिप्पणी की. जिसपर पलटवार करते हुए मांझी ने  नीतीश कुमार को अपने निशाने पर लिया. अब नीतीश के ढाल बनाकर मंत्री अशोक चौधरी मैदान में आकर मोर्चा संभाल लिया है. दलितों के सम्मान को लेकर मांझी और अशोक चौधरी एक दुसरे से भीड़ गए हैं. 
दरअसल जदयू विधायक गोपाल मंडल ने जीतन राम मांझी को बूढा और सठिया हुआ बताया था. साथ ही मांझी के जाति पर सवाल उठाते हुए कहा था कि वह मुसहर भी है या नहीं, यह भी कोई नहीं जानता. मांझी तो मल्लाह को कहा जाता है. उनके इस  बयान पर पलट वार करते हुए मांझी ने नीतीश कुमार को अपने निशाने पर लिया था. मांझी ने ट्वीट कर कहा कि “नीतीश जी आखिर आपको दलितों से इतनी नफ़रत क्यों है? सदन के अंदर मुझे अपमानित किया, बेगुनाह SC पर अत्याचार करवाया, अब अपने MLA से मेरे बहाने मुसहरों को गाली दिलवा रहे है, SC से इतनी ही नफरत है तो अधिसूचना जारी करके दलितो को राज्य से निकाल ही दिजिए,ना दलित रहेगे ना आप उनसे नफरत करेंगे.”

जीतन राम मांझी ने जैसे ही जदयू और नीतीश कुमार पर दलितों के अपमान का आरोप लगाया वैसे ही मंत्री अशोक चौधरी मैदान में कूद पड़े. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा “आदरणीय, जीतनराम मांझी जी नमस्कार! बढ़ती उम्र के साथ आपकी स्मरण शक्ति कमजोर हो गई है! मैं याद दिलाता हूं. वो नीतीश जी ही थे जिन्होंने अपना पद त्यागकर आपको बिहार का पहला महादलित मुख्यमंत्री बनाया था और समाज, क्षेत्र और प्रदेश के विकास को गति देने का अवसर दिया था. लेकिन उस समय आप विकास कार्य करने में आप असफल साबित हुए. महात्मा गांधी जी दलित नहीं थे लेकिन समाज में दलितों के उत्थान और छुआछूत जैसी कुरूतियों को समाप्त करने के लिए उन्होंने जो किया, उसी का प्रतिफल आज बिहार व देश में दिखाई देता है. बाबासाहेब और गांधी जी के मार्ग पर चलते हुए बिहार में दलित और शोषित वर्ग के लिए जो काम नीतीश जी ने किए हैं. वह सदियों तक के लिए इतिहास में दर्ज हो चुके हैं. मुझ जैसे अदने से व्यक्ति को संगठन में जो स्नेह, आदर और सम्मान मिला वो भी उन्हीं की देन है. आपको आत्म-सुधार की आवश्यकता है!”

अशोक चौधरी को मांझी की तरफ से भी जवाब दिया गया. मांझी ने एक्स पर लिखा “अशोक जी किसी दलित को CM बनाकर अपने MLA से गाली दिलवाना दलित सम्मान है? किसी मुसहर को रबड स्टॉम्प सीएम समझना दलित सम्मान है? अपने से बड़े उम्र के किसी महादलित पुर्व मुख्यमंत्री को सदन के अंदर तू-तड़ाक की भाषा में बात करना सम्मान है? यदि यह सम्मान है,तो आपको ऐसा सम्मान मुबारक.”