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जी. कृष्णैया की पत्नी आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ पहुंची सुप्रीम कोर्ट, दायर की याचिका

 

बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरूवार को 16 साल बाद जेल से रिहा हो गए. आनंद मोहन की रिहाई को लेकर जी. कृष्णैया की पत्नी और उनकी बेटी ने कड़ी आपत्ति जताई थी. वहीं अब जी. कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है. उमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है उनके पति के हत्यारे आनंद मोहन को जेल से रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर रोक लगाया जाये. उमा देवी ने बिहार सरकार के नियमों मे बदलाव के नोटिफिकेशन को भी रद्द करने की मांग की है.

आनंद मोहन की रिहाई पर जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी ने क्या कहा?

उमा देवी के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि कानूनी तौर पर ये स्पष्ट है कि आजीवन कारावास का मतलब पूरी जिंदगी के लिए जेल की सजा है. इसे 14 साल की सजा के तौर पर नहीं माना जा सकता है. आजीवन कारावास का मतलब आखिरी सांस तक जेल में रहना. याचिका में कहा गया है कि अगर आजीवन कारावास की सजा मौत की सजा के विकल्प के रूप में दिया जाता है तो उसे सख्ती से लागू किया जाना चाहिए और यह छूट के आवेदन से परे होता है. 

बता दें बिहार की नीतीश सरकार ने कारा अधिनियम में बदलाव करके आनंद मोहन समेत 27 कैदियों को रिहा किया है. आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया का परिवार लगातार नीतीश सरकार के इस फैसले पर विरोध जता रहा है. आनंद मोहन की रिहाई पर जी कृष्णैया की बेटी ने दुखद जताया. उन्होंने कहा, यह हमारे लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अन्याय है. वही विपक्षी दलों का आरोप है कि बिहार में राजपूत वोट को पाने के लिए नीतीश सरकार ने यह कदम उठाया है.