बिहार में शराबबंदी के 8 साल पूरे, अबतक 12 लाख से अधिक हुई गिरफ्तारी, जहरीली शराब से 156 की मौत
बिहार में 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अब तक 8 लाख 43 हजार 907 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इसमें 3 लाख 70 हजार 814 मद्यनिषेध विभाग और 4 लाख 73 हजार 93 मामले पुलिस महकमा के स्तर से दर्ज हुए हैं। अब तक 12 लाख 79 हजार 387 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें मद्य निषेध विभाग के स्तर से 5 लाख 43 हजार 326 और पुलिस महकमा के स्तर से 7 लाख 36 हजार 61 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 5 लाख 20 हजार आरोपियों को सजा हो चुकी है।
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने पटना के सूचना भवन सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में सोमवार को यह जानकारी दी। शराब बरामदगी के टॉप-7 जिलों में गोपालगंज, सारण, पटना, बक्सर, भोजपुर, समस्तीपुर और सीवान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जहरीली या अवैध शराब से मौत के मामले में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अबतक 156 लोगों की मौतें जहरीली शराब से हुई है। सबसे ज्यादा मौतें सारण में 75, पश्चिम चंपारण में 44 और गोपालगंज में 33 लोगों की हुई है। इसके अतिरिक्त गया में 6, औरंगाबाद में 8, नालंदा में 12, बांका में 3, आरा में 4, बक्सर में 4 समेत अन्य जिलों में भी लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है।
राज्य में शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद से अब तक 3 करोड़ 46 लाख 61 हजार 723 लीटर शराब बरामद की गई है। इसमें 1 करोड़ 49 लाख 68 हजार लीटर देशी और 1 करोड़ 96 लाख 93 हजार लीटर विदेशी शराब शामिल है। इसमें अब तक 3 करोड़ 38 लाख लीटर शराब नष्ट की जा चुकी है। शराब से जुड़े मामलों में 1 लाख 24 हजार 658 वाहन जब्त किए गए हैं। 71 हजार 727 वाहनों की नीलामी हो चुकी है, जिससे 327 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुकी है। 1 अप्रैल 2022 से अगस्त 2024 तक 14 हजार 4 वाहनों जुर्माना लेकर छोड़ा जा चुका है।