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माले की 15 फरवरी की भव्य रैली को लेकर तैयारी तेज, CM नीतीश, अखिलेश यादव को भी निमंत्रण

 


बिहार में साल 2024 में लोकसभा का चुनाव है और वर्ष 2025 में विधान सभा का. सभी पार्टियां इसको लेकर किसी न किसी तरह से तैयारी शुरू कर दी है. पिछले विधान सभा चुनाव में माले का परफॉर्मेंस कांग्रेस जैसी पार्टी से काफी बेहतर रहा था. कांग्रेस 70 सीट पर चुनाव लड़ी और 19 सीटों पर जीत हासिल की जबकि माले ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 12 सीटें हासिल कीं. 

अब माले ने भी तैयारियां शुरू कर दी है. 15 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में भाकपा-माले की लोकतंत्र बचाओ- देश बचाओ रैली की तैयारी को लेकर आज राज्य कार्यालय, पटना में जिलों के प्रभारियों, सचिवों व संयोजकों की बैठक हुई. बैठक में अब तक हुई तैयारी की समीक्षा की गई और अगले एक महीने का विस्तृत प्लान बनाया गया.

बैठक को संबोधित करते हुए माले के वरिष्ठ नेता व पोलित ब्यूरो के सदस्य स्वदेश भट्टाचार्य ने कहा कि 15 फरवरी की रैली का देशव्यापी महत्व है. केंद्र की सत्ता से फासीवादी भाजपा की विदाई तय करने की दिशा में यह रैली एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगी.

केंद्र की सत्ता में भाजपा जब से आई है, लोकतंत्र व जनअधिकारों पर लगातार हमले हो रहे हैं. नफरत व विभाजन की राजनीति चरम पर है. काॅरपोरेट घरानों की चांदी है तो दूसरी ओर बेरोजगारों की फौज दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. किसानों के बीच हाहाकार है. मजदूर वर्ग पर हमले हो रहे हैं. इसलिए आज देश की तमाम लोकतंत्र व न्याय पसंद ताकतों के लिए भाजपा रूपी विपदा से मुक्ति का सवाल सबसे अहम व प्राथमिक सवाल बन गया हैै. इसी राजनीतिक दिशा में रैली की तैयारी की जानी चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा कि हम भाजपा के खिलाफ सभी विपक्षी दलों व विभिन्न जनांदोलनों की व्यापक एकता चाहते हैं. रैली व महाधिवेशन में यह केंद्रीय पहलू मजबूती से अभिव्यक्त होगा. बिहार सरकार को जनता की आवाज सुननी चाहिए. इस सरकार का समर्थन करते हुए भी हम दलितों-गरीबों की व्यापक पैमाने पर बेदखली, शिक्षक बहाली, रोजगार आदि सवालों को रैली के मुद्दों में शामिल करेंगे.उन्होंने आगे कहा कि आज से अगले एक महीने तक पूरी पार्टी  रैली व महाधिवेशन के लिए समर्पित है. पार्टी से जुड़े सभी जनसंगठन और विधायक रैली की तैयारी में मजबूती से उतरें ताकि हम पुराने सारे रिकाॅर्ड तोड़ दें. 

इसके पूर्व सभी जिला सचिवों ने अब तक अपने जिलों में रैली तैयारी की रिपोर्ट रखी. गांव-गांव बैठकें शुरू हो गई हैं. व्यापक पैमाने पर दीवाल लेखन व फैस्टून टांगने का काम किया जा रहा है. पार्टी के कार्यकर्ता कड़ाके की ठंड के बावजूद बैठकें आयोजित कर रैली के राजनीतिक संदेश को गांव-मुहल्लों में ले जा रहे हैं. बैठक में माले राज्य सचिव कुणाल, अमर, धीरेन्द्र झा, मीना तिवारी, केडी यादव, आरएन ठाकुर, शशि यादव सहित सभी जिलों के सचिव व संयोजक उपस्थित थे.

बता दें भाकपा माले अपना राष्ट्रीय महाधिवेशन बिहार में करने जा रहा है. उससे पहले 15 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में भाकपा-माले की लोकतंत्र बचाओ- देश बचाओ विशाल रैली की भी तैयारी है. इससे पहले पार्टी का महाधिवेशन पंजाब के मानसा में किया गया था. हर पांच साल पर यह आयोजन किया जाता रहा है. जिसमें पार्टी के गतिविधियों पर चर्चा होती है साथ ही नयी रणनीति भी तैयार की जाती है . इस बार बिहार को इस भव्य आयोजन के लिए क्यों चुना गया है? इसके बड़े राजनीतिक कारण हैं. माले का मानना है कि नरेन्द्र मोदी या बीजेपी के अश्वमेघ घोड़े को पूरी ताकत से बिहार ने रोका है. नीतीश-तेजस्वी की सरकार को माले ने इसलिए अपना समर्थन भी दिया है, जबकि माले राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं है. और कई मुद्दों पर महागठबंधन सरकार की नीति की तीखी आलोचना की है.