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बिहार सरकार की गणना की रिपोर्ट में सवर्णों में सबसे अधिक सरकारी नौकरी कायस्थ के पास

 

बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। सत्र के शुरू होते ही सदन के पटल पर जाति आधारिक गणना की आर्थिक रिपोर्ट पेश कर दी गई। रिपोर्ट में आर्थिक और शैक्षणिक आंकड़े सामने पेश किए गए हैं. इसके मुताबिक बिहार में 22.67% आबादी ने कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षा हासिल की है. 14.33 फीसदी आबादी ने कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा हासिल की. 14.71 फीसदी आबादी कक्षा 9 से 10 तक की पढ़ाई की है.  9.19 फीसदी आबादी कक्षा 11 से 12 तक पढ़ी है. ग्रेजुएट धारकों की आबादी सिर्फ 7% है. 

बिहार में सिर्फ 7% ग्रेजुएट, सवर्ण जातियों के 25 प्रतिशत परिवार गरीब...  बिहार में जातिगत जनजणना के आर्थिक आंकड़े आए सामने - Educational and  economic data of ...

बिहार सरकार की जातीय गणना की रिपोर्ट के मुताबिक सवर्णों की श्रेणी में सात जातियां शामिल हैं. इनमें हिन्दू धर्म की चार जातियां ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत और कायस्थ के अलावा मुसलमान धर्म के शेख, सैयद और पठान शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य वर्ग यानि सवर्णों में सबसे ज्यादा नौकरी कायस्थ जाति के लोगों के पास है. सरकार के मुताबिक बिहार में  6.68 फीसदी कायस्थ सरकारी नौकरी में हैं. उनके कुल परिवारों की संख्या 52 हजार 490 है. हिन्दू सवर्णों में नौकरी के मामले में भूमिहार दूसरे नंबर पर हैं. सरकार के मुताबिक 4.99 फीसदी भूमिहार परिवार सरकारी नौकरी में हैं. बिहार में भूमिहार जाति की संख्या जो सरकारी नौकरी में हैं वो 1 लाख 87 हजार 256 है. 

वहीं  बिहार में 3.81 फीसदी राजपूत सरकारी नौकरी में हैं. राजपूत जाति का सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 1 लाख 71 हजार 933 है. उसके बाद सरकार ने मुसलमानों में सवर्ण माने जाने वाली तीन जातियों शेख, पठान और सैयद का भी आर्थिक लेखा जोखा दिया है. सरकार के मुताबिक शेख जाति के 0.79 परसेंट लोग सरकारी नौकरी में हैं. शेख जाति के कुल 39 हजार 595 परिवार सरकारी नौकरी में हैं. वहीं, पठान जाति के 1.07 परसेंट परिवार सरकारी नौकरी में हैं. इस परिवार की संख्या जो सरकारी नौकरी में हैं वो 10 हजार 517 है. इसके साथ ही सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक मुसलमानों के सैयद जाति के2.42 परसेंट परिवार सरकारी नौकरी में हैं. इसके आलावा सैयद जाति के 7 हजार 231 लोग सरकारी नौकरी में हैं.