भोजपुर में अवैध कोचिंग सेंटर को लेकर प्रशासन सख्त, 160 बिना निबंधन के संचालित

भोजपुर जिले में बिना वैध पंजीकरण के चल रहे कोचिंग संस्थानों पर अब प्रशासन ने शिकंजा कसने का फैसला लिया है। शिक्षा विभाग ने साफ निर्देश दिए हैं कि बिहार कोचिंग संस्थान अधिनियम 2010 के नियमों की अनदेखी करने वाले संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे संस्थानों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बंद भी कर दिया जाएगा।
केवल 137 कोचिंग ने कराया आवेदन, बाकी बिना अनुमति के संचालन
जिले में इस वक्त कुल 297 कोचिंग सेंटर सक्रिय हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 137 संस्थानों ने ही निबंधन के लिए आवेदन दिया है। शेष 160 सेंटर बिना किसी वैधानिक मंजूरी के संचालित हो रहे हैं और विद्यार्थियों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं। इनमें कई संस्थान भीड़भाड़ वाले मोहल्लों में, संकरी गलियों में चलाए जा रहे हैं जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।

पंजीकरण के लिए फॉर्मेट जारी, बुनियादी जानकारी अनिवार्य
जिला शिक्षा पदाधिकारी अहसन ने बताया कि अवैध रूप से चल रहे कोचिंग संस्थानों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। सभी कोचिंग सेंटरों को एक निर्धारित फॉर्मेट में जानकारी देना अनिवार्य किया गया है, जिसमें संस्थान के भवन की स्थिति, ट्रस्ट या स्वामित्व विवरण, छात्र संख्या, टॉयलेट, कक्षा कक्ष, पार्किंग और पेयजल जैसी आवश्यक सुविधाओं का ब्योरा शामिल है।
नियम तोड़े तो लगेगा जुर्माना, दोहराव पर बढ़ेगी सजा
बिहार कोचिंग संस्थान अधिनियम के तहत अगर कोई संस्थान पहली बार नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर ₹25,000 का जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि दूसरी बार दोषी पाए जाने पर ₹1,00,000 तक की सजा तय की गई है। प्रशासन की योजना है कि जुलाई 2025 से इन नियमों को सख्ती से लागू किया जाए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि जो संस्थान नियमों की अनदेखी करेंगे, उनकी मान्यता रद्द की जाएगी और आवश्यकतानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।