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मधुबनी पंचायत में विकास के नाम पर बड़ा घोटाला? ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को भेजा शिकायत पत्र

बिहार के पश्चिम चंपारण जिले की ग्राम पंचायत राज मधुबनी में सरकारी योजनाओं में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप सामने आया है। ग्रामीणों ने मुखिया पर योजनाओं की राशि हड़पने और विकास कार्यों को केवल कागजों पर दर्शाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री समेत कई अधिकारियों को शिकायत पत्र भेजा है। 
 

नल-जल, पोखरा सौंदर्यीकरण, सोख्ता और शौचालय निर्माण जैसी योजनाओं में गड़बड़ियों का आरोप

सरकारी फंड के दुरुपयोग का मामला, कई योजनाओं का कोई ज़मीनी अस्तित्व नहीं

ग्रामीणों ने जांच की मांग को लेकर एकजुट होकर आवाज़ उठाई

मामले की गूंज अब प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों तक पहुंची

Bihar, Madhubani: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के ग्राम पंचायत राज मधुबनी में बड़े पैमाने पर सरकारी योजनाओं में घोटाले का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में करोड़ों रुपये की योजनाएं सिर्फ कागजों पर पूरी कर दी गईं, जबकि धरातल पर उनके नाम पर कुछ भी नहीं हुआ।

ग्रामीणों ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाई है। इसके साथ ही उन्होंने शिकायत पत्र भी भेजा है, जैसे:

  1. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
  2. पंचायती राज मंत्री
  3. मुख्य सचिव
  4. जिलाधिकारी
  5. एसडीओ

इसके साथ ही मीडिया को भी एक संयुक्त शिकायत पत्र भेजकर तत्काल जांच की मांग की है।

किन योजनाओं में हुआ घोटाले का आरोप?

1. नल-जल योजना:

12 कार्यों में लगभग ₹3 लाख-₹सुचना 24,000 दिखाए गए

ग्रामीणों के अनुसार, यह योजना कहीं लागू नहीं की गई।

2. छठ पोखरा सौंदर्यीकरण (वार्ड संख्या 1):

₹8.64 लाख खर्च, लेकिन जमीन पर कोई खास काम नजर नहीं आता।

3. कुएं की मरम्मत:

सात मरम्मत कार्यों में लाखों की लागत, लेकिन हालत जस की तस।

4. सोख्ता निर्माण:

₹10 लाख से ज़्यादा खर्च दिखाया गया, पर असल में निर्माण न के बराबर।

5. ट्राईसाइकिल वितरण योजना (कार्य संख्या 71958727):

₹9 लाख से ज़्यादा खर्च, ग्रामीणों का आरोप – पैसे का गबन।

6. शौचालय निर्माण:

चार निर्माण कार्यों में ₹7 लाख से ज्यादा खर्च, लेकिन शौचालय नजर नहीं आ रहे।

7. अन्य योजनाएं:

दो अन्य योजनाओं में ₹6.22 लाख और ₹7.54 लाख खर्च दिखाया गया, लेकिन कार्य की कोई पुष्टि नहीं।

ग्रामीणों की क्या मांग है?

आपको बता दें कि ग्रामीणों ने कहा, "हमने सालों से देखा कि विकास के नाम पर सिर्फ झूठे आंकड़े दिखाए जा रहे हैं। अगर जांच हुई, तो करोड़ों के घोटाले सामने आएंगे।"

ग्रामीणों ने सरकार से मांग करते हुए कहा है: 

  1. तत्काल उच्चस्तरीय जांच हो
  2. मुखिया और पंचायत पदाधिकारियों के वित्तीय दस्तावेजों की जांच की जाए
  3. सरकारी धन की बर्बादी और गबन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई हो
  4. स्थानीय जनता को योजना से जुड़े सही लाभ मिलें
  5. मामला क्यों है महत्वपूर्ण?
  6. यह मामला पंचायत स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण बन सकता है। अगर जांच में आरोप साबित होते हैं, तो इससे ना केवल पंचायत स्तर की जवाबदेही तय होगी, बल्कि राज्य में ऐसी अन्य पंचायतों में भी जांच की मांग उठ सकती है।
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