3 दिन की हड़ताल पर डॉक्टर, OPD सेवाएं ठप, मुसीबत में मरीज, सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं जारी

बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के चिकित्सक अपनी लंबित मांगें पूरी कराने व जिलाधिकारियों के व्यवहार के विरोध में गुरुवार से शनिवार तक हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान सिविल सर्जन के अधीन व जिन अस्पतालों में संघ के डाक्टर कार्यरत हैं, उनकी ओपीडी सेवा बंद कराने की चेतावनी दी है।
डॉक्टरों का कहना है कि सरकार उनकी वेतन, सुरक्षा और स्टाफ की कमी जैसी समस्याओं का समाधान नहीं कर रही है.हड़ताल से मरीजों को बहुत परेशानी हो सकती है. खासकर गांवों के मरीजों को, जो सरकारी अस्पतालों पर निर्भर होते हैं.बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ (बीएचएसए) ने बायोमेट्रिक हाजिरी, प्रशासनिक दबाव और कर्मचारियों की कमी जैसे मुद्दों का विरोध करते हुए हड़ताल बुलाई थी.

हालांकि, हड़ताल सिर्फ ओपीडी सेवाओं तक ही सीमित है और आपातकालीन और ट्रॉमा सेवाएं सामान्य रूप से चलती रहेंगी.बीएचएसए के प्रवक्ता डॉ. विनय कुमार के मुताबिक, डॉक्टरों की सुरक्षा, वेतन, गृह जिलों में पोस्टिंग और जरूरी सुविधाओं की कमी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कई बार की गई अपीलों का कोई जवाब नहीं मिला है.
सर्जरी और इलाज के लिए पहले से अपॉइंटमेंट वाले मरीजों को हड़ताल खत्म होने के बाद अपना अपॉइंटमेंट फिर से तय करना होगा या उसमें बदलाव करना होगा.एक अस्पताल अधिकारी ने कहा, "गरीब मरीज, खासकर जो गांवों से आते हैं, सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे क्योंकि वे निजी अस्पतालों का खर्च नहीं उठा सकते."बीएचएसए ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार 29 मार्च तक कोई ठोस हल नहीं निकलता, तो आगे भी वो कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे.