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जीतन राम मांझी ने रामायण को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा- इसकी कुछ पंक्तियों पर मुझे आपत्ति

 

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के रामचरितमास पर की गई आलोचना अब जरूर शांत हो गयी है. लेकिन दूसरी तरफ बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान से एक बार फिर सियासत गरमा सकती है. बता दें पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने रामायण को लेकर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि रामायण की कुछ पंक्तियों पर मुझे आपत्ति है. 

Bihar CM Jitan Ram Manjhi calls Legislature party meeting on February 20 -  The Economic Times

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी फिलहाल गरीब जोड़ों यात्रा पर निकले हुए है. इसी दौरान उन्होंने कहा कि  मैं रामायण को मानता हूं, यह मेरे लिए भी पूज्य महाकाव्य है। रामायण से ही रामचरितमानस का सृजन हुआ है और रामायण को वाल्मीकि जी ने लिखा है. लेकिन,इसकी कुछ पंक्तियों पर मुझे आपत्ति है. 

उन्होंने कहा कि रामायण में जो लाइन लिखी गई है. उसमें एक लाइन यह है कि, " नारी नीर नीच कटी धावा, ढोल गवार शुद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी, पूज्य विप्र शील गुण हीना".... रामायण के इस चौपाइयों पर मुझे आपत्ति है. मांझी का कहना है कि वह रामायण की बात मानते हैं, लेकिन इसमें नारी, नीर, नीच कटी धावा क्यों बोला गया है इसको लेकर उन्हें आपत्ति है. उसमें कुछ अच्छी बातें भी है. मांझी ने कहा कि या तो इसे मिटा देना चाहिए या जो रामायण के मर्मज्ञ हैं उन्हें वह काट देना चाहिए. 

मांझी ने कहा कि हम जाति की बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन नारी जो 50 प्रतिशत है और आधुनिक युग में नारी सशक्तिकरण की बात कही जा रही है तो इसमें नारी को नीच बताया जा रहा है. रामायण के जानकार को इसका जवाब जरूर देना चाहिए. आगे उन्होंने कहा कि हम रामचरितमानस को खराब नहीं कह सकते क्योंकि उसमें बहुत ही अच्छी अच्छी बातें लिखी हुई है. हम जहां जाते हैं वहां रामायण की ही बात करते हैं. इससे अच्छा महाग्रंथ कोई हो ही नहीं सकता है. राजनीति के लिए यह अच्छी महाकाव्य है. लेकिन, इसमें कुछ लाइन बदल देनी चाहिए.