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मुजफ्फरपुर दुष्क*र्म मामला: लापरवाही पर पुलिसकर्मी और डॉक्टरों पर गिरी गाज, तीन थानेदार निलंबित, अस्पताल प्रशासन भी कार्रवाई की जद में

मुजफ्फरपुर में 13 वर्षीय नाबालिग दलित बच्ची के साथ हुए दर्दनाक दुष्कर्म मामले में अब प्रशासनिक कार्रवाई शुरू हो गई है। इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए हैं।

पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया कि घटना की सूचना मिलने के बावजूद तुर्की थाना पुलिस ने न सिर्फ आरोपी को गिरफ्तार करने में उदासीनता दिखाई, बल्कि एफआईआर दर्ज करने में भी टालमटोल की। एसएसपी सुशील कुमार ने इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए तुर्की थाना प्रभारी प्रमोद कुमार और दारोगा मंजर आलम को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा, 112 नंबर की टीम में तैनात एएसआई मोहम्मद फरीदी को भी निलंबन की कार्रवाई झेलनी पड़ी है। सभी पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।

इलाज में देरी बनी बच्ची की मौत का कारण
दुष्कर्म और हमले के बाद बच्ची को पहले एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था, जहां से हालत नाजुक होने पर पीएमसीएच रेफर किया गया। परिजनों का कहना है कि पीएमसीएच में भर्ती में काफी देरी हुई, जिसके चलते समय पर इलाज नहीं मिल सका और बच्ची की मौत हो गई।

इलाज में लापरवाही के आरोप में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के आदेश पर पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत सिंह को पद से हटा दिया गया है। साथ ही एसकेएमसीएच की अधीक्षक डॉ. विभा कुमारी को भी निलंबित कर दिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने दोनों अस्पतालों की लापरवाही की जांच के आदेश भी दे दिए हैं।

गौरतलब है कि यह मामला 26 मई का है जब एक 13 वर्षीय दलित बच्ची के साथ दरिंदगी की गई। आरोपी ने दुष्कर्म के बाद बच्ची पर चाकू से कई वार किए। गंभीर रूप से घायल बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज में लापरवाही और देरी उसकी जान नहीं बचा पाई।