पटना रेल पुलिस ने अंतरराज्यीय साइबर गिरोह का किया खुलासा, नाबालिग सहित चार को किया गिरफ्तार

ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों का मोबाइल चोरी कर बैंक खाता खाली करने वाले चार अंतरराज्यीय साइबर अपराधियों को पटना रेल पुलिस ने दबोच लिया है. इसके साथ ही 2 मामलों का खुलासा भी किया है. रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर ने बताया कि 29 जुलाई को चांदी वाजीद हुसैन ने रेल पटना साइबर थाना में फोन चोरी होने की सूचना दी. अपने लिखित आवेदन में वाजीद ने बताया कि वह सिवान जिले के निवासी है. 23 जुलाई को उपासना एक्सप्रेस से उतरने के दौरान पटना स्टेशन पर किसी ने उनका फोन गायब कर दिया. जब वाजीद ने फिर से अपना सिम एक्टिव कराया तो उसे पता चला कि उसके खाते से 3,04,307 रुपया गायब हैं. इसके बाद इस बात की शिकायत की. शिकायत के बाद रेल पटना साइबर थाना के डीएसपी सुशांत चंचल के नेतृत्व में एक टीम गठित कर के इस मामले की छानबीन शुरू की.
छानबीन में पता चला कि वाजीद का खाता केनरा बैंक में है. वहीं से पैसा निकासी का डिटेल लिया गया. इसके अनुसार वाजीद के खाते से किसी खुशी यादव के उत्तर प्रदेश के खाते में 2 बार 99 हजार और दीपेश्वर कुमार के रायपुर के खाते में एक बार 99 हजार रुपया भेजा गया है. बाकी के बचे पैसे थोड़ा थोड़ा करके 2 से 3 लोगों के खाते में यूपीआई के माध्यम से भेजा गया. फिर खुशी यादव के अकाउंट से 19,8000 रुपए रविन्द्र चौधरी के अकाउंट में ट्रांसफर किया गया है. रविन्द्र चौधरी ने अपने भाई दिनेश के साथ मिलकर नगद पैसे बैंक से निकाल लिए थे. ये दोनों नालंदा जिले के रहने वाले थे. दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दोनों ने बताया है दोनों बिना किसी कागज के लेन देन का कारोबार करते हैं. फिलहाल दीपेश्वर को पुलिस नहीं पकड़ पाई है. लेकिन दीपेश्वर के खाते को फ्रिज करा दिया गया है.
वैसे इस मामले में गिरफ्तार बदमाशों में रविन्द्र कुमार, उसका भाई दिनेश कुमार है. इनके पास से पुलिस ने 4 बैंक का पासबुक,1 चेक बुक, 3 मोबाइल फोन, 6 एटीएम, 6 आधार कार्ड, और 1 पेमेंट बैंकिंग मशीन बरामद किया है.
इतना ही नहीं दूसरे मामले में खुलासा करते हुए रेल एसपी ने बताया कि अरुण कुमार साह का मोबाइल 10 अगस्त को कटिहार जाने के क्रम में राजेन्द्र नगर स्टेशन से चोरी हो गया था. बदमाशों ने मोबाइल से 90,000 रुपया निकाल लिया। इस मामले में अरुण कुमार ने रेल पटना साइबर थाना में शिकायत की थी। इसके बाद हमारी टीम जांच में जुटी. जांच में यह बात सामने आई कि मोबाइल चोरी होने के बाद अज्ञात साइबर अपराधी ने तीन बार में 90,000 रुपया दूसरे के खाता में ट्रांसफर किए और उस खाते से पैसा निकाल लिया। जांच के बाद मुख्य आरोपी अमर कुमार वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार किया.
पुलिस की पूछताछ में अमर ने बताया कि वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर काफी दिनों से लोगों का मोबाइल चोरी करके, ठगी से पैसे निकालता था. अमर ने बताया कि उसका एक साथी नाबालिग है. वह इस घटना में शामिल था. नाबालिग के घर छापेमारी में नाबालिग को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। उसके घर से एक देसी पिस्तौल और चोरी किए गए मोबाइल को भी बरामद किया गया.