एक अफसर के संकल्प से बच्चों के चेहरे पर मुस्कान, बदल रही 'किस्मत' की लकीरें

जब आंखों में अरमान लिया
मंजिल को अपना मान लिया
है मुश्किल क्या? आसान क्या?
जब ठान लिया तो ठान लिया
इन पंक्तियों को जमीन पर उतार रहे हैं केंद्रीय कर आयुक्त, पटना डॉ यशोवर्धन पाठक. अब आप सोचेंगे कि कैसे? तो यह संभव हो रहा है पीएम स्वच्छता फंड से. और यह खबर इस बात का एक बड़ा उदाहरण है कि अगर कोई अफसर चाह ले, तो माहौल को बदल सकता है. सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर कर सकता है. उत्साह से छात्र-छात्राओं को लबरेज कर सकता है. नई पीढ़ियों की तकदीर को लिख सकता है! ऐसा ही हू-बहू हो रहा है बिहार के बक्सर में. पटना में पोस्टिंग होते ही ऐसे लगा, जैसे डॉ यशोवर्धन पाठक को गरीब विद्यार्थियों के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना अपने उफान पर आ गई हो. खैर, अब यह समझिए कि कैसे एक अधिकारी आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की किस्मत बदलने के लिए पीएम स्वच्छता फंड का इस्तेमाल कर रहे हैं.
कन्या मध्य विद्यालय से हुई शुरुआत
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डॉ यशोवर्धन पाठक पीएम स्वच्छता फंड के बेहतर इस्तेमाल के लिए एक स्कूल की तलाश कर रहे थे. ऐसे में उनकी नजर बक्सर के सिमरी प्रखंड स्थित नियाजीपुर पंचायत के कन्या मध्य विद्यालय पर पड़ी. यहां से बदलाव की नई कहानी लिखी जानी लगी. इस स्कूल में चार शौचालय, बोरिंग की व्यवस्था और पाइपलाइन के माध्यम से पेयजल की सुचारू व्यवस्था करायी गई. साथ ही पानी की टंकी भी यहां लगाई गई. स्कूल की चाहरदीवारी भी हुई. स्कूलों की दीवारों के रंग-रोगन के साथ-साथ तरह के चित्र भी बनाये गये, ताकि इनके माध्यम से बच्चे पढ़ सकें. विषय वस्तु को और गहरे रूप से समझ सकें. इस कार्य की खूब सरहाना हुई. बच्चों की मानें, तो ऐसा लग रहा है जैसे उनकी 'किस्मत' की लकीरें बदल रही हैं.
और ऐसे बनी सरकारी स्कूलों को निखारने की योजना
केंद्रीय कर अंकेक्षण आयुक्तालय ने आयुक्त डॉ यशोवर्धन पाठक के निर्देश पर बक्सर जिले के 11 अन्य सरकारी स्कूलों को निखारने की योजना को सहमति दे दी. इन स्कूलों में करीब दो से तीन हजार आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राएं अपनी पढाई करते हैं. इसमें छह कन्या विद्यालय, तीन उच्च विद्यालय और दो मध्य विद्यालय शामिल हैं. जो बक्सर जिले के अलग-अलग पंचायत में हैं.
अब लिया नया संकल्प
केंद्रीय कर आयुक्त डॉ यशोवर्धन पाठक ने पीएम स्वच्छता फंड से 11 स्कूलों के 51 शौचालयों का जीर्णोद्धार और 1100 पौधे लगाने का संकल्प लिया है. मतलब यह है कि जिन 11 सरकारी स्कूलों को निखारने की योजना बनी है, उसमें 51 शौचालय दुरुस्त किये जा रहे हैं. साथ ही उन स्कूलों में 1100 पौधे भी लगाये जा रहे हैं, ताकि विद्यार्थी स्वच्छ वातावरण में बेहतर शिक्षा ग्रहण कर सकें. इसके अलावा इन स्कलों में पाइपलाइन से पानी की व्यवस्था, बोरिंग, रंग-रोंगन आदि कार्य भी किये जा रहे हैं.
चयनित स्कूलों की सख्त निगरानी
चयनित 11 स्कूलों में स्वच्छता पर विशेष नजर रखी जाएगी. डॉ यशोवर्धन पाठक ने इन स्कूलों में निजी स्कूल के तर्ज पर रंगा-रोंगन का कार्य कराने का निर्देश दिया है. ताकि बच्चे सरकारी विद्यालय में ही प्ले स्कूल के तर्ज पर दीवार पर बने तस्वीरों के माध्यम से पढाई कर सकेंगे. आने वाले समय में इन स्कूलों का माहौल देखते ही बनेगा. छात्र-छात्राओं के उत्साह में स्वच्छ वातावरण चार चांद लगा देगा.
इन स्कूलों की बदल रही तकदीर
- कन्या विधालय, दूल्हपुर
- कन्या विद्यालय,बलिहार,
- कन्या विद्यालय, नगपुरा
- कन्या विद्यालय,डुमरी/सिमरी
- कन्या विद्यालय उमरपुर
- मध्य विद्यालय नियाजिपुर
- उच्च विद्यालय नियाजिपुर
- उच्च विद्यालय अर्जुनपुर
- उच्च विद्यालय, बक्सर
- मध्य विधालय, चौकरा, नावानगर
- कन्या मध्य विद्यालय, नियाजीपुर (यहां कार्य पूरे हो चुके हैं)