Gopal Khemka Murder Case: DGP का बड़ा खुलासा, 2024 में हटाई गई थी सुरक्षा, छोटे बेटे को दी गई संरक्षण

2024 में खेमका की सुरक्षा क्यों हटाई गई, यह जांच का विषय।
डीजीपी का दावा – 112 को समय पर सूचना नहीं मिली थी।
अस्पताल से आई पहली सूचना, फिर 10 मिनट में पहुंची पुलिस।
केस की जांच में STF भी शामिल।
छोटे बेटे को सुरक्षा दी गई, सोशल मीडिया पर नाराजगी के वीडियो वायरल।
Bihar, Patna: बिहार की राजधानी में हुए हाई-प्रोफाइल उद्योगपति गोपाल खेमका हत्याकांड में पुलिस महकमे की भूमिका पर कई सवाल उठने लगे हैं। इस बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार ने प्रेस को संबोधित करते हुए कुछ अहम जानकारियां साझा की हैं, जिससे पूरे केस का नया एंगल सामने आया है।
2018 में मिली थी सुरक्षा, 2024 में हटा ली गई
डीजीपी ने बताया कि गोपाल खेमका को 2018 में निजी सुरक्षा गार्ड (PSO) दिया गया था, लेकिन वर्ष 2024 में किसी कारणवश यह सुरक्षा वापस ले ली गई। अब इस बात की जांच होगी कि सुरक्षा हटाने की प्रक्रिया क्या थी और इसे किन परिस्थितियों में अंजाम दिया गया।

हत्या की जांच में एसटीएफ की मदद
डीजीपी ने स्पष्ट किया कि इस केस की जांच में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की मदद ली जा रही है। पटना पुलिस के साथ मिलकर STF के अधिकारी हर पहलू पर बारीकी से जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्दी ही अपराधियों को गिरफ्तार कर केस को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।
सूचना में देरी होने पर कार्रवाई
गोपाल खेमका की हत्या के बाद परिजनों ने पुलिस की देर से पहुंचने पर नाराज़गी जताई। इस पर जवाब देते हुए डीजीपी ने बताया कि डायल 112 या स्थानीय थाना को गोलीबारी की कोई जानकारी करीब 45 मिनट तक नहीं मिली।
दरअसल, यह घटना रात 11:40 बजे हुई थी, इसके बाद परिजन उन्हें अस्पताल लेकर चले गए, जिससे समय लगा। अस्पताल प्रशासन ने सबसे पहले पुलिस को करीब 12:30 बजे सूचना दी, और इसके 10 मिनट बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई थी।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ परिजनों का गुस्सा
घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ जिसमें खेमका के परिजन पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते दिखे। इस पर भी डीजीपी ने सफाई देते हुए कहा कि अगर जांच में कोई लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
छोटे बेटे को दी गई सुरक्षा
सुरक्षा के सवाल पर डीजीपी ने बताया कि एहतियातन गोपाल खेमका के छोटे बेटे को सुरक्षा प्रदान कर दी गई है। दो सशस्त्र पुलिसकर्मियों को उनके साथ तैनात किया गया है।
आईजी का बयान
आपको बता दें कि आईजी जितेंद्र राणा ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि परिजनों से शिकायत मिली है और इसकी जांच की जा रही है। पुलिस सभी पहलुओं पर काम कर रही है और जल्द ही दोषी सलाखों के पीछे होंगे।