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पुलवामा हमले के पांच साल: 40 जवान हुए थे शहीद, भारत ने ऐसे दिया था मुंहतोड़ जवाब

 

भारत मां के 40 जवान 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा अटैक में शहीद हो गये थे, इस आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला डाला था। इस दिन को तब से ही ब्लैक डे के रूप में मनाया जाता है। वहीं भारत के इतिहास में सबसे खराब आतंकी हमलों में से एक माना जाता है। इस काले दिन आतंकियों ने 200 किलो विस्फोटकों के लदे वाहन के जरिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले को निशाना बनाया था। किसी ने अपना पति खोया तो किसी ने भाई तो किसी ने अपने बुढ़ापे के सहारे को। एक आत्मघाती हमलावर ने पुलवामा में CRPF के काफिले को निशाना बनाया, जिसके परिणामस्वरूप 40 बहादुर जवानों की दुखद मौत हो गई। आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 35 घायल हुए थे। सीआरपीएफ के काफिले में 78 गाड़ियां थीं, जिसमें 2500 से ज्यादा जवान सफर कर रहे थे। आतंकवादियों की इस कायराना हरकत से हर भारतीय की आंखें नम हो गई थीं। लेकिन 12 दिनों के बाद ही भारतीय सेना ने इसका बदला पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर लिया था। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाबदेही का उठाया था जिम्मा

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कसम खाई कि हमले के जिम्मेदार लोगों को इसका परिणाम भुगतना होगा। सुरक्षा बलों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए समय, स्थान और तरीका चुनने के लिए पूरी आजादी दी गई। यह बारह दिन बाद भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के शिविर पर हवाई हमले किये।

अजहर को आतंकी के रूप में नामित कर दिया

पुलवामा हमले ने देशभर में विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा दिया। जेईएम के प्रमुख मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी के रूप में नामित करने के लिए प्रयास किए जाने लगे। इसमें भारत सफल भी रहा 1 मई, 2019 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अजहर को आतंकी के रूप में नामित कर दिया गया। पुलवामा हमले के पीछे की साजिश का खुलासा करने में राष्ट्री य जांच एजेंसी (एनआईए) ने अहम भूमिका निभाई। अगस्त 2020 में इसने इलेक्ट्रॉ निक सबूत, आतंकवादियों और उनके सहयोगियों की गवाही के आधार पर अजहर समेत 19 व्यक्तियों के खिलाफ एक आरोप पत्र दायर किया। भले ही इस हमले को पांच साल बीत गए हैं लेकिन इसकी खौफनाक यादें आज भी मन में ताजा हैं।