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बदला गया तुर्की का नाम, अब इस नाम से जाना जाएगा यह देश

 

तुर्की का नाम अब तुर्किये होगा. संयुक्त राष्ट्र ने तुर्की गणराज्य का नाम बदलने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि तुर्की के विदेश मंत्री मेवतुल कावुसोग्लू ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को एक पत्र लिखा था, जिसमें तुर्की का नाम तुर्किये करने का अनुरोध किया गया था. 

नाम बदलने के पीछे का मकसद समझें 

तुर्की की सरकार दुनिया में तुर्किये को ब्रांड नेम बनाना चाहती है. ऐसा इसलिए, क्योंकि टर्की या तुर्की शब्द वहां की भाषा के मुताबिक निगेटिव माना जाता है. इसी वजह से यहां के नागरिक 1923 में तुर्की की स्वतंत्रता की घोषणा के बाद से ही इसे 'तुर्किये’ बोलते आ रहे हैं. वैसे तुर्की के कई मतलब होते हैं. इसे ज्यादातर मायनों में नहीं लिया जाता, खासतौर पर अंग्रेजी में. दरअसल, तुर्की को इंग्लिश में टर्की कहा जाता है. टर्की का मतलब मूर्ख भी होता है. यही नहीं, इसका इस्तेमाल नाकामी के तौर पर भी किया जाता है. टर्की नाम का एक पक्षी भी होता है. भारत में इसे तीतर कहा जाता है.

सरकारी डॉक्यूमेंट में पहले ही बदल गया था नाम  

पिछले साल ही राष्ट्रपति एर्दोआन ने तुर्की संस्कृति को ध्यान में रखकर तुर्की की जगह “तुर्किये“ के इस्तेमाल का आदेश दे दिया था. इस आदेश के मुताबिक- फॉरेन एक्सपोर्ट किए जाने वाले सभी प्रोडक्ट्स पर 'मेड इन तुर्की' के बजाय 'मेड इन तुर्किये' का इस्तेमाल किया जाए. तुर्की के सभी मंत्रालयों ने ऑफिशियल डॉक्यूमेंट्स में “तुर्किये“ लिखना भी शुरु कर दिया था. 

इन देशों ने भी बदले हैं अपने नाम

कुछ समय पहले नीदरलैंड ने दुनिया में अपनी छवि को आसान बनाने के लिए हॉलैंड नाम हटा दिया था. मैसेडोनिया ने भी अपना नाम उत्तरी मैसेडोनिया कर दिया था. 1935 में फारस ने अपना नाम बदल कर ईरान कर लिया था. फारसी भाषा में ईरान का मतलब पर्शियन होता है. पश्चिमी देश इसे फारस के नाम से पुकारते थे. लेकिन बाद में ये माना गया कि स्थानीय भाषा के नाम से देश को जानना चाहिए.