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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से राहत, रिहा करने के आदेश

इस्लामाबाद । इस्लामाबाद हाईकोर्ट से पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को राहत मिल गई है । हाईकोर्ट ने तोशखान केस में इमरान खान को रिहा करने के आदेश दिए है । जमानत पर इमरान खान रिहा होंगे । हाईकोर्ट ने इमरान खान की सजा पर भी रोक लगा दी है । आपको बता दे की इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ तोशाखाना मामले में अपना फैसला सुनाया। अदालत ने इमरान खान को कम से कम तीन साल की कैद की सजा सुनाई और 1,00,000 रुपये (पीकेआर) का जुर्माना भी लगाया। इमरान खान पर न केवल अरबों रुपये के उपहार, आभूषण और अन्य सामान हासिल करने के लिए भ्रष्ट आचरण अपनाने का आरोप लगाया गया था, बल्कि अपने कार्यालय का उपयोग प्रक्रियाओं को तैयार करने, कम मूल्यांकन करवाने और बाद में अघोषित खातों के माध्यम से उनके कम मूल्य का 20 प्रतिशत भुगतान करने के लिए भी किया गया था।

पाकिस्तान में तोशाखाना क्या है?

तोशाखाने का मतलब ऐसे कमरे से है जहां अमीरों के कपड़े, गहने और महंगी चीजें जैसे कि उपहार आदि संभालकर रखे जाते हैं। पाकिस्तान में सरकार के संग्रहस्थान को तोशाखाना नाम दिया गया है। पाकिस्तान के कानून के मुताबिक, विदेशों से या विदेशी मेहमानों से मिले उपहारों को इसी तोशाखाने में जमा कर दिया जाता है। प्रधानमंत्री अगर उपहार अपने पास रखना चाहे तो उसे उसका मूल्य चुकाना होगा। इन उपहारों की नीलामी भी की जा सकती है। नीलामी से अर्जित धन सरकारी खजाने में ही जाएगा। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री को मिले उपहार राष्ट्र की संपत्ति हैं।

तोशाखाना विवाद में इमरान कैसे फंसे?

इमरान को प्रधानमंत्री रहते हुए उनकी विदेश यात्राओं या किसी प्रकार की आधिकारिक यात्रा के दौरान करीब साढ़ 14 करोड़ रुपये के ऐसे उपहार मिले थे। उपहारों को तोशाखाने में जमा भी कर दिया गया था. आरोप है कि इमरान खान ने तोशाखाने में जमा किए उपहारों को सस्ते में (2.15 करोड़ रुपये में) खरीद लिया और फिर ज्यादा कीमत में बाजार में उन्हें बेच दिया और पांच करोड़ रुपये से ज्यादा धन मुनाफे के तौर कमा लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन उपहारों में एक ग्राफ घड़ी, एक जोड़ा कफलिंक, एक कीमती पेन, एक अंगूठी और रोलेक्स की चार घड़ियां भी शामिल थीं. यह भी आरोप है कि इमरान ने इस पूरे काम को अंजाम देने के लिए सरकारी कानून में परिवर्तन भी किया।