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बिहार चुनाव से पहले नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, पंचायत प्रतिनिधियों का भत्ता बढ़ा, जानें

बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को खुश करने के लिए कई अहम निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद भवन में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने पंचायत जनप्रतिनिधियों की मांगों पर सहमति जताते हुए कई बड़ी घोषणाएं कीं।

मनरेगा योजना में ग्राम पंचायत के मुखिया को पहले जहां 5 लाख रुपये तक की योजनाओं की प्रशासनिक मंजूरी का अधिकार था, अब यह सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। इससे विकास कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है।

पंचायत प्रतिनिधियों का मासिक भत्ता डेढ़ गुना बढ़ा
बैठक में पंचायती राज व्यवस्था के सभी स्तर के जनप्रतिनिधियों के मासिक भत्ते में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई।

  • जिला परिषद अध्यक्ष का भत्ता 12,000 से बढ़कर 18,000 रुपये हुआ।
  • उपाध्यक्ष का भत्ता 10,000 से 15,000 रुपये हुआ।
  • पंचायत समिति प्रमुख को अब 15,000 रुपये मिलेंगे, पहले 10,000 मिलते थे।
  • पंचायत समिति उपप्रमुख का भत्ता 5,000 से बढ़कर 7,500 हुआ।
  • ग्राम पंचायत मुखिया का भत्ता 2,500 से 3,750, और उपमुखिया का 1,200 से 1,800 हुआ।
  • सरपंच और उपसरपंच को क्रमशः 3,750 और 1,800 रुपये भत्ता मिलेगा।
  • जिला परिषद सदस्य को 2,500 से 3,750 और पंचायत समिति सदस्य को 1,000 से 1,500 रुपये मिलेगा।
  • ग्राम पंचायत और ग्राम कचहरी पंच को 500 से 750 रुपये का भत्ता मिलेगा।

राज्य सरकार ने बचे हुए 1069 पंचायत सरकार भवनों को मंजूरी दे दी है। इनका निर्माण ग्राम पंचायतों की देखरेख में होगा। यदि मुख्यालय वाले गांव में ज़मीन उपलब्ध नहीं है तो पास के गांव में निर्माण की अनुमति दी गई है।

  • पंचायत प्रतिनिधियों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं
  • अब प्रतिनिधियों को सामान्य मृत्यु पर भी 5 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान मिलेगा।
  • आकस्मिक मृत्यु पर पहले से ही यह सुविधा उपलब्ध थी।
  • गंभीर बीमारी की स्थिति में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से इलाज की सुविधा भी दी जाएगी।
  • शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन का निपटारा तय समय सीमा में होगा।

विकास कार्यों में तेजी लाने की योजना
15वें वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग की धनराशि का त्वरित उपयोग सुनिश्चित करने हेतु अब 15 लाख रुपये तक की योजनाओं को विभागीय स्तर पर कार्यान्वित करने का निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2006 में पंचायती राज संस्थाओं और 2007 में नगर निकायों में महिलाओं को 50% आरक्षण देकर उन्हें सशक्त किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार सभी वर्गों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और पंचायत प्रतिनिधि समाज के सशक्त नेतृत्वकर्ता हैं।

"हम पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के पक्ष में रहते हैं. हमेशा प्रतिनिधियों से बी मिलते रहते हैं. बचे हुए पंचायत सरकार भवन जल्द से जल्द बनकर तैयार हो जायेगा, जिसमें सारी व्यवस्थाएं की गयी हैं. इसका लाभ पंचायत के लोगों को मिलेगा और जनप्रतिनिधियों को भी समस्याओं के समाधान में सहूलियत मिलेगी."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

बताते चलें कि बैठक में जिला परिषद संघ की प्रतिनिधि कृष्णा यादव, पंचायत समिति प्रमुख रश्मि कुमारी, मुखिया संघ के अध्यक्ष मिथिलेश कुमार राय और पंच-सरपंच संघ के अध्यक्ष अमोद कुमार निराला सहित अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए और अपनी मांगें रखीं।