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राज्य सरकार के बजट पर बाबूलाल मरांडी का तंज, कहा-बयानबाजी से नहीं, ठोस प्रयासों से मिलेगा 1.36 लाख करोड़

झारखंड विधानसभा में सोमवार को पेश किए गए आम बजट पर चर्चा के दौरान भाजपा के वरिष्ठ विधायक बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार की नीति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर झारखंड सरकार 1.36 लाख करोड़ रुपये की बकाया राशि प्राप्त करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाती है, तो पूरी पांच साल की अवधि सिर्फ भागदौड़ में निकल जाएगी। उन्होंने सुझाव दिया कि इस राशि को हासिल करने के लिए सरकार को सही रणनीति अपनानी होगी, जिसमें सीसीएल और बीसीसीएल जैसी कोयला कंपनियों से बातचीत शामिल हो। सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि कितनी राशि कब से बकाया है, अन्यथा यह मुद्दा केवल राजनीतिक बहस तक सीमित रह जाएगा। उन्होंने कहा कि इस फंड को प्राप्त करने के लिए सरकार को उचित प्रक्रिया का पालन करना होगा, वरना राज्य वित्तीय संकट से जूझता रहेगा।

कामचोरी नहीं, काम पर ध्यान दें – मरांडी
बाबूलाल मरांडी ने बजट में खर्च के आंकड़ों का जिक्र करते हुए सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि झारखंड में 41% आबादी अभी भी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है, लेकिन सरकार की नीतियां इस दिशा में प्रभावी नहीं हैं। उन्होंने बताया कि फरवरी तक कृषि क्षेत्र में मात्र 54% बजट खर्च किया गया है, आईटी विभाग ने केवल 7.45% राशि का उपयोग किया है, और पेयजल विभाग ने 18.56% ही खर्च किया है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि "काम कीजिए, कामचोर मत बनिए।" अगर बजट की राशि समय पर खर्च नहीं होगी और उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा, तो केंद्र से भी फंड मिलना मुश्किल हो जाएगा।

स्वास्थ्य और शिक्षा पर लापरवाही
बाबूलाल मरांडी ने बजट में बुनियादी ढांचे की उपेक्षा पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र की हालत दयनीय है। डॉक्टरों के 3,334 स्वीकृत पदों में से केवल 2,210 डॉक्टर कार्यरत हैं। दुमका मेडिकल कॉलेज में 70, पलामू मेडिकल कॉलेज में 71, और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में 65 शिक्षक पद खाली हैं। उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जिसके कारण ऑपरेशन तक नहीं हो पा रहे हैं। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने इन आंकड़ों को गलत बताते हुए स्थिति को संतोषजनक बताया।

आयुष्मान योजना पर सवाल
बाबूलाल मरांडी ने गरीबों को आयुष्मान योजना का लाभ न मिलने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कई जरूरतमंद मरीज उचित इलाज से वंचित हो रहे हैं। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार योजना को सही तरीके से लागू कर रही है, लेकिन कुछ जगहों पर छोटे-छोटे अस्पताल बनाकर इसका अनुचित लाभ उठाने की कोशिश हो रही है, जिसे रोका गया है।