भाजपा को भ्रष्टाचार के विषय में आरोप लगाने का नैतिक अधिकार नहीं, क्योंकि भाजपा भ्रष्टाचार की जननी है : कैलाश यादव

आज प्रदेश राजद महासचिव सह मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि भारतीय जनता पार्टी को भ्रष्टाचार के विषय में आरोप लगाने का नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि बीजेपी भ्रष्टाचार की सबसे बड़ा जननी है। पूर्वर्ती अटल बिहारी बाजपेई के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के कार्यकाल दौरान इनके तत्कालीन राष्ट्रीय बंगारू लक्ष्मण खुलेआम और इस्पात मंत्री दिलीप सिंह जुदेव रिश्वत लेते पकड़े गए थे।
विदित हो कि विगत दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इलेक्टोरल बॉन्ड के द्वारा राजनीतिक पार्टियों के चंदा लेने का खुलासा हुआ था, जिसमें असंवैधानिक तरीके से सबसे ज्यादा लगभग 75 फीसदी यानी 16 हजार करोड़ भाजपा सहयोगी कई कॉरपोरेट कंपनियों द्वारा धंधा लेने के नाम पर भाजपा को चंदा दिया था !

ज्ञातव्य हो कि साल 2014 से 2024 तक, 10 वर्षो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने देशभर में BJP और RSS का कार्यालय बनाने का काम किया, इन्हें बताना चाहिये कि अरबों-खरबों रुपया कहां से आया और किसने दिया। मध्यप्रदेश, बंगाल, असम, महाराष्ट्र, हिमाचल, राजस्थान, झारखंड, बिहार जैसे कई प्रदेशों में व्यापम, शारदा नारदा, सिंचाई, पुलिस भर्ती जैसे अनेकों घोटाले का आरोप लगा है। इसलिए बीजेपी को भ्रष्टाचार के सवाल पर विपक्षी पार्टियों के ऊपर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
कैलाश यादव ने कहा कि कल राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राजद पर कई गंभीर आरोप लगाकर टारगेट किया था। इस पर स्पष्ट तौर से राजद का कहना है कि बाबूलाल लगातार हार के हताश से अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। वे कुतुबमीनार से कूदने की बात करते थे और आज फिर सत्ता के लालच में अपने आप को सौदा कर भाजपा के गोद में गिरवी हो गए हैं। अब इनकी राजनैतिक हैसियत कुछ बची नहीं हैं, लोकसभा चुनाव के परिणाम से यहां की आदिवासी सीटो वाले क्षेत्रों में भाजपा विचारधारा को पटखनी देकर जनता जनार्दन ने बाबूलाल मरांडी को रिजेक्ट कर दिया है !
यादव ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी को मर्यादित भाषा का प्रयोग करना चाहिये, क्योंकि वह भूल गई है कि उनकी राजनीतिक पहचान लालू प्र यादव की पार्टी राजद के कोख से ही हुई है। सुझाव के तौर पर कहना है कि भाजपा और संघ के इशारे पर अनर्गल बयानबाजी न करे अन्यथा राजद के पास बहुत कुछ कहने को है।