RBI का बड़ा ऐलान: रेपो रेट में 0.50% की कटौती, कर्ज लेने वालों को मिल सकती है राहत

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 6 जून को मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए रेपो दर में 50 बेसिस प्वाइंट की कमी की घोषणा की। इस कटौती के बाद रेपो रेट अब 6% से घटकर 5.50% हो गई है। यह निर्णय बाजार विश्लेषकों की अपेक्षाओं से अधिक है और इसका उद्देश्य देश की आर्थिक प्रगति को रफ्तार देना है। मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने अपने रुख को 'एडजस्टेबल' से बदलकर 'न्यूट्रल' कर दिया है, जो नीति में संतुलन को दर्शाता है।
RBI ने यह भी घोषित किया है कि सितंबर 2025 से चार चरणों में कैश रिज़र्व रेश्यो (CRR) को 4% से घटाकर 3% किया जाएगा। इससे बैंकिंग प्रणाली में अधिक नकदी उपलब्ध होगी, जिससे ऋण देने की प्रक्रिया सुगम होगी।
महंगाई और विकास दर पर संशोधित अनुमान
रिजर्व बैंक ने 2026 के लिए खुदरा महंगाई दर का अनुमान 4% से घटाकर 3.7% किया है। वहीं, जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5% रखा गया है। तिमाही आधार पर यह अनुमान Q1 में 6.5%, Q2 में 6.7%, Q3 में 6.6% और Q4 में 6.3% बताया गया है।

गवर्नर मल्होत्रा ने बताया कि अब तक 9.5 लाख करोड़ रुपये की स्थायी लिक्विडिटी प्रणाली में डाली जा चुकी है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब 11 महीनों के आयात और देश के 96% विदेशी ऋण को कवर करने में सक्षम है।
कृषि, उपभोग और सेवा क्षेत्र में सकारात्मक संकेत
खाद्य पदार्थों की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं और कोर मुद्रास्फीति भी नियंत्रित है। कृषि क्षेत्र की स्थिति सशक्त है, घरेलू खपत में सुधार देखा गया है और सेवा क्षेत्र की गति भी बनी हुई है। गवर्नर ने यह भी कहा कि भारत निवेश के लिए एक मजबूत और आकर्षक वातावरण प्रदान करता है। इस नीतिगत बदलाव से आम उपभोक्ताओं को कर्ज पर ब्याज दरों में राहत और ईएमआई में कमी की संभावनाएं बढ़ गई हैं।