रांची के ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर परिसर के विकास का मार्ग प्रशस्त, सीसीएल करेगा सीएसआर फंड से सौंदर्यीकरण

धुर्वा स्थित 450 वर्ष पुराने प्रभु जगन्नाथ मंदिर के समग्र विकास का रास्ता अब साफ हो गया है। रक्षा राज्य मंत्री और रांची के सांसद संजय सेठ के प्रयासों से इस ऐतिहासिक धरोहर को नए स्वरूप में विकसित करने की योजना को मंजूरी मिल चुकी है। सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) के सीएसआर फंड से इस कार्य के लिए 2.09 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। इसके लिए रांची जिला प्रशासन और सीसीएल के बीच एमओयू (समझौता ज्ञापन) भी संपन्न हो चुका है। जल्द ही इस परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा।
संजय सेठ ने 2024 में उठाई थी विकास की मांग
गौरतलब है कि अगस्त 2024 में सांसद संजय सेठ ने सीसीएल के सीएमडी को पत्र लिखकर इस मंदिर की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्ता पर जोर दिया था। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया था कि नागवंशी राजाओं द्वारा निर्मित यह मंदिर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के लिए एक प्रमुख गतिविधि केंद्र रहा है। वर्तमान समय में इस परिसर का व्यापक विकास आवश्यक है ताकि इसे राष्ट्रीय पहचान मिल सके। इसी क्रम में सीसीएल ने रांची जिला प्रशासन से बातचीत कर विकास कार्यों को मंजूरी दी।

जगन्नाथ मंदिर परिसर के समग्र विकास की स्वीकृति से स्थानीय लोगों में जबरदस्त उत्साह है। श्रद्धालु और क्षेत्रवासी रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ की इस पहल की सराहना कर रहे हैं और आभार प्रकट कर रहे हैं।
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ बोले - जगन्नाथ प्रभु की कृपा से संभव हुआ यह कार्य
इस मौके पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की कृपा से यह कार्य संभव हो सका है। उन्होंने कहा, "रांची की जनता ने जिस विश्वास के साथ मुझे अपना जनप्रतिनिधि चुना है, मैं उस विश्वास को और मजबूत करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा हूं। जगन्नाथ मंदिर केवल आध्यात्मिक स्थल नहीं, बल्कि झारखंड की ऐतिहासिक धरोहर भी है। इस परिसर का विकास श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने में सहायक होगा।"
जगन्नाथ मंदिर में होंगे ये प्रमुख कार्य:
-मंदिर की बाउंड्री वॉल का निर्माण
-पार्क और वॉटर फाउंटेन का निर्माण
-बच्चों के लिए खेलने की सुविधाएं
-शौचालय और बागवानी की व्यवस्था
-कियोस्क और गजीबो का निर्माण
-पर्याप्त लाइटिंग और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था