Movie prime

जल जीवन मिशन में करोड़ों की गड़बड़ी, पीएमओ ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र

झारखंड में जल जीवन मिशन के तहत टेंडर प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। मल्टी विलेज स्कीम (MVS) के तहत 780 करोड़ रुपये का टेंडर केवल कागजी खानापूरी के जरिए निपटाया गया। इस योजना के अंतर्गत 92 परियोजनाओं के टेंडर में सिर्फ दो एजेंसियों ने भाग लिया—एक वास्तविक काम करने वाली और दूसरी केवल दिखावे के लिए। टेंडर पहले से ही तय किए गए थे, जिसके बदले एजेंसियों से करोड़ों रुपये की उगाही की गई।

पीएमयू को सौंपी गई जांच की जिम्मेदारी
इस मामले की जांच को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने झारखंड के मुख्य सचिव को पत्र भेजा, जिसके बाद मुख्य सचिव ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव को प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट (PMU) से जांच कराने का निर्देश दिया है। पीएमओ ने जनवरी से मार्च 2023 के बीच जारी सभी 92 वर्क ऑर्डर में गंभीर अनियमितताओं पर सवाल उठाए हैं।

टेंडर प्रक्रिया में करोड़ों की वसूली
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि टेंडर के माध्यम से करोड़ों रुपये की वसूली हुई, जिसे पेयजल विभाग के मंत्री से लेकर क्लर्क तक के बीच बांटा गया। इस पूरी प्रक्रिया की देखरेख तत्कालीन अभियंता प्रमुख रघुनंदन शर्मा कर रहे थे, जिन्होंने अपने करीबियों को फायदा पहुंचाने के लिए ज्वाइंट वेंचर (JV) कंपनियों का गठन किया। कई जेवी कंपनियों के खाते तक नहीं खोले गए थे, लेकिन कार्य आदेश और भुगतान व्यक्तिगत एजेंसियों के नाम पर जारी किए गए।

2019 में शुरू हुई थी योजना
जल जीवन मिशन की शुरुआत 2019 में हुई थी और इसे दिसंबर 2024 तक पूरा करना है। झारखंड में 62.30 लाख घरों में से 33.18 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाया जा चुका है, जबकि 29.11 लाख घर अब भी वंचित हैं।